सरकारी जमीन पर खड़ा कर दिया कमर्शियल सेंटर, शिवसेना विधायक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

मुंबई की विशेष अदालत के एक फैसले से कुर्ला की राजनीति में हलचल मच गई है, जहां शिवसेना विधायक मंगेश अनंत कुडालकर पर जनता की भलाई के लिए मिले फंड और सरकारी जमीन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं. कोर्ट ने माना कि MHADA की जिस जमीन को गार्डन और सार्वजनिक सुविधा के लिए आरक्षित किया गया था, वहां अनधिकृत रूप से हॉल और कमर्शियल सेंटर बनाए गए और उनसे अवैध वसूली की गई.

Advertisement
विशेष अदालत ने एंटी करप्शन ब्यूरो को विधायक के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. (Photo: X/@mlamangesh) विशेष अदालत ने एंटी करप्शन ब्यूरो को विधायक के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. (Photo: X/@mlamangesh)

मोहम्मद एजाज खान

  • मुंबई,
  • 20 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:28 PM IST

महाराष्ट्र के एक बड़े नेता का नाम भ्रष्टाचार के मामले में सामने आया है. मुंबई की एक विशेष अदालत के एक फैसले ने कुर्ला की राजनीति में भूचाल ला दिया है. आरोप है कि जनता की भलाई के लिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल विधायक ने अपने निजी फायदे के लिए किया.

पब्लिक प्रॉपर्टी पर 'प्राइवेट' कब्जा

पूरा मामला कुर्ला विधानसभा का है, जहां शिवसेना विधायक मंगेश अनंत कुडालकर पर सरकारी जमीन का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए करने के गंभीर आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ता रमेश सत्यन बोरवा ने कोर्ट के सामने ऐसे दस्तावेज पेश किए, जिन्होंने विधायक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आरोप है कि MHADA ने जिस जमीन को गार्डन और पब्लिक एमिनिटी के लिए सुरक्षित रखा था, वहां विधायक ने आलीशान हॉल और कमर्शियल सेंटर खड़ा कर दिया.

Advertisement

कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जज सत्यनारायण आर. नवंदर ने कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने माना कि म्हाडा के पत्रों से साफ है कि यह निर्माण पूरी तरह अनधिकृत है. विधायक ने अपने पद का दुरुपयोग कर सार्वजनिक धन को निजी फायदे वाले हॉल और दुकानों के निर्माण में झोंक दिया. इतना ही नहीं, इस सरकारी जमीन पर बने हॉल को किराए पर चढ़ाकर अवैध वसूली की जा रही है.

ACB को कड़ी कार्रवाई के आदेश

अदालत ने इसे भ्रष्टाचार निरोधक कानून (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 और 13 के तहत एक संगीन अपराध माना है. कोर्ट ने अब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सीधे आदेश दिया है कि विधायक के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत इसकी गहन जांच हो और जल्द से जल्द इस भ्रष्टाचार की फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए.

Advertisement

विधायक ने क्या कहा?

मंगेश कुडालकर ने भ्रष्टाचार के आरोपों और कोर्ट के FIR के आदेश पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके खिलाफ की गई शिकायत 'तथ्यों से परे, झूठी और अधूरी जानकारी' पर आधारित है. विधायक ने भरोसा जताया कि जब वे सत्य और पुख्ता सबूत उच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

​विधायक कुडालकर ने कहा कि शिकायतकर्ता रमेश बोरवा ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से कोर्ट के सामने केवल सिक्के का एक पहलू पेश किया है. उन्होंने कहा, ​'न्यायालय के प्रति मेरा पूर्ण सम्मान है, लेकिन जो आदेश मिला है वह अपूर्ण जानकारी के आधार पर है. सत्य को दबाया नहीं जा सकता. हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और दिखाएंगे कि असलियत क्या है.'

​उन्होंने कहा कि 'निर्माण अनधिकृत नहीं है. हमने 2016 में ही म्हाडा से सभी जरूरी NOC प्राप्त कर ली थी. कलेक्टर और म्हाडा की अनुमति के बाद ही नियमानुसार सारा काम हुआ है. यह किसी की निजी संपत्ति नहीं है. यह एक ट्रस्ट की प्रॉपर्टी है, जिसे कलेक्टर की मान्यता प्राप्त है. संस्था ने बाकायदा टेंडर भरकर इसका कब्जा लिया था. संस्था समय पर सारा टैक्स और सरकारी शुल्क जमा करती है. हमारे पास हर कागज मौजूद है.'

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement