'अगर शाहरुख खान के बेटे जैसे किसी सेलेब्रिटी को गिरफ्तार करेंगे तो...', बॉम्बे हाईकोर्ट में समीर वानखेड़े की दलील

समीर वानखेड़े, 2021 में NCB के ज़ोनल डायरेक्टर थे. उनके नेतृत्व में ही कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग रेड के दौरान शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही वानखेड़े विवादों में आ गए.

Advertisement
समीर वानखेड़े के नेतृत्व में 2021 में आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था (File Photo- ITG) समीर वानखेड़े के नेतृत्व में 2021 में आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था (File Photo- ITG)

विद्या

  • मुंबई,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने शुक्रवार को इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) ऑफिसर समीर वानखेड़े की उस अर्जी पर जवाब देने के लिए समय मांगा, जिसमें उन्होंने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के ऑर्डर को रद्द करने और अपने डिपार्टमेंट द्वारा प्रमोशन पर विचार करने की प्रार्थना की थी.

समीर वानखेड़े की शिकायत यह है कि 29 जुलाई 2021 से 3 जनवरी 2022 के बीच की अवधि में उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई परफॉर्मेंस असेसमेंट में अचानक आई गिरावट संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, क्योंकि यह मनमानी और असंगत है. इस अवधि से पहले और बाद में 2022 तक उनके प्रदर्शन को लगातार ‘बहुत अच्छा’ बताया गया था. उन्होंने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई की भी मांग की थी.

Advertisement

दरअसल, समीर वानखेड़े, 2021 में NCB के ज़ोनल डायरेक्टर थे, जब कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग रेड के दौरान उन्होंने मीडिया का खूब ध्यान खींचा था, जिसमें शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था. बाद में जांच भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझ गई और आखिरकार आर्यन खान पर चार्जशीट नहीं हुई और उन्हें कुछ दिन जेल में बिताने पड़े. 

'पिटीशनर को खराब ऑफिसर कहना बेतुका'

वकील हर्षवर्धन सूर्यवंशी, संकल्प राजपुरोहित, कशिश चेलानी और अथर्व दाते के जरिए फाइल की गई वानखेड़े की अर्जी में सवाल उठाया गया है कि मुश्किल से एक महीने के अंदर अचानक और बिना किसी वजह के पिटीशनर को 'खराब ऑफिसर' कहना न सिर्फ बेतुका है, बल्कि एडमिनिस्ट्रेटिव एक्शन में निष्पक्षता की जड़ पर भी हमला करता है. 

अर्जी में आरोप लगाया गया है कि बिना किसी गलत काम या खराब मटीरियल के, ऑफिशियल असेसमेंट में इतनी बड़ी गिरावट अपने आप में मनमानी, पावर का गलत इस्तेमाल और पिटीशनर को बदनाम करने के पहले से तय इरादे को दिखाती है. वानखेड़े की रिव्यूइंग ऑफिसर की टिप्पणी थी कि ऑफिसर (वानखेड़े) ने अपने काम करने के तरीके की वजह से ऐसे विवाद खड़े किए जिनसे बचा जा सकता था, जिससे कई शिकायतें भी हुईं.

Advertisement

रिव्यूइंग ऑफिसर की टिप्पणियों पर उठाए सवाल

अर्जी में कहा गया है कि रिव्यूइंग ऑफिसर ने ये टिप्पणियां करते समय कोई शिकायत या डिटेल्स नहीं बताईं. इसके अलावा, रिव्यूइंग ऑफिसर शिकायत करने वाले का नाम और उसने शिकायत कब और किसके खिलाफ दर्ज कराई, यह भी नहीं बताता कि यह किस घटना से जुड़ा है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि आज तक पिटीशनर को शिकायत की कोई कॉपी नहीं दी गई.

बता दें कि रिव्यूइंग ऑफिसर की एक और टिप्पणी थी कि ऑफिसर शायद काबिल है, लेकिन उनमें प्रोसीजर को शॉर्ट सर्किट करने की आदत है, जिससे ऐसी शिकायतें और विवाद होते हैं जिनसे बचा जा सकता है. अगर वह सब्र रखते और फील्ड में काम करते समय प्रोसीजर की पवित्रता और कानूनी सीमाओं का सम्मान करते, तो वह बिना किसी विवाद और मीडिया अटेंशन के ज़्यादा असरदार साबित हो सकते थे. हम ऑफिसर को सलाह देंगे कि वह भविष्य में इन बातों का ध्यान रखे.

कोर्ट ने सुनवाई 15 जनवरी तक टाल दी

इनका जवाब देते हुए, वानखेड़े की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अनिल अंतुरकर ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम ए अंखड की बेंच के सामने दलील दी कि अगर आप शाहरुख खान के बेटे जैसे सेलिब्रिटी को गिरफ्तार करते हैं तो मीडिया का आना तय है. ऐसा नहीं है कि मैं मीडिया का भूखा हूं.

Advertisement

कोर्ट ने सुनवाई 15 जनवरी तक टाल दी है, जब तक NCB जवाब दाखिल करेगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement