महाराष्ट्र के पुणे में एक 70 वर्षीय व्यक्ति को साइबर जालसाज़ों ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (ANI) और आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के अधिकारी बनकर 'डिजिटल गिरफ़्तारी' में डालकर 1.44 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. एक एजेंसी के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार व्यक्ति की यह परेशानी तब शुरू हुई, जब 23 सितंबर को उसे एक व्यक्ति का फ़ोन आया. जिसने खुद को मुंबई का एक इंस्पेक्टर बताया.
अधिकारी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि उस व्यक्ति ने पीड़ित को बताया कि एटीएस की लखनऊ इकाई ने एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है. जिसने शिकायतकर्ता के नाम पर बैंक खातों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया था.
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शक होने पर व्यक्ति ने साइबर पुलिस से किया संपर्क
अधिकारी ने कहा कि बाद में पुलिस की वर्दी पहने एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर उससे बात की. फिर उसे बताया कि आगे की जांच एनआईए प्रमुख द्वारा की जाएगी. इस दौरान पीड़ित को वीडियो कॉल चालू रखने के लिए कहा गया. जिसके बाद डर के मारे उसने ऑनलाइन ठगों के खातों में 1.44 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए.
इसके बाद 8 अक्टूबर को उनसे 3 लाख रुपये जमा करने को कहा गया. लेकिन कुछ गड़बड़ लगने पर उन्होंने साइबर पुलिस से संपर्क किया. अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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