मुंबई के पवई स्थित आर ए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की अस्पताल में मौत हो गई है. रोहित मूल रूप से पुणे का रहने वाला था. पुलिस जांच में सामने आया है कि उसे शिक्षा विभाग के एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर मिला था. वह दावा कर रहा था कि इस प्रोजेक्ट के पैसे उसे अब तक नहीं मिले हैं.
इसी विवाद को लेकर उसने कई बार तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं इस पर मंत्री दीपक केसरकर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रोहित आर्य का स्वच्छता मॉनिटर नाम का एक कॉन्सेप्ट था और उसे मेरे स्कूल की सुंदर शाला में भी काम मिला था. उसने विभाग से सीधे पैसे लिए थे.
बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित की मौत
उसे विभाग आकर इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए था. किसी को इस तरह बंधक बनाना गलत है. केसरकर ने यह भी कहा कि जब वह मंत्री थे तभी कुछ कॉन्ट्रैक्ट रोहित को दिए गए थे.
ऑडिशन के बहाने से उसने बच्चों को बुलाया था
घटना के दिन रोहित आर्य ने पवई के आर ए स्टूडियो में ऑडिशन के बहाने 17 बच्चों समेत कुल 19 लोगों को बंधक बना लिया था. जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, टीम तुरंत हरकत में आई और सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. रोहित के पास एयरगन और संदिग्ध केमिकल भी मिले थे. मुठभेड़ के दौरान रोहित घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
कांग्रेस ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल
वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घटना पर राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने X पर लिखा कि सरकार की खराब आर्थिक व्यवस्था का असर छोटे बच्चों पर पड़ा है. वडेट्टीवार ने कहा कि बिलों का भुगतान नहीं होने की वजह से पवई में रोहित आर्य नाम के व्यक्ति ने स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बना लिया. पुलिस को वहां से केमिकल और एयर गन भी मिली. पुलिस की तेजी से बड़ी दुर्घटना टल गई.
उनके अनुसार रोहित आर्य का आरोप है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने काम पूरा होने के बाद भी उसे 2 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. वडेट्टीवार ने कहा कि किसान कर्ज माफी न मिलने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं और अब ठेकेदारों के पैसे नहीं मिलने से ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बच्चों को बंधक बनाया गया. उन्होंने सवाल पूछा कि सरकार ने आखिर कितने बिल रोक रखे हैं और ऐसी और कितनी घटनाएं हो सकती हैं. अगर आज इन बच्चों की जान चली जाती तो कौन जिम्मेदार होता। क्या पूर्व शिक्षा मंत्री केसरकर जिम्मेदारी लेते या महायुति सरकार.
अभिजीत करंडे