कस्टम ऑफिसर बन पुलिस अधिकारी की पत्नी को ठगा, सस्ते में सोना बेचने के नाम पर 3.6 लाख का लगाया चूना

मुंबई में एक पुलिस सब इंसपेक्टर की पत्नी के साथ ठगी का मामले सामने आया है. सस्ते में सोना खरीदने के चक्कर में पीड़िता साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक की धनराशि गंवा बैठी. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अपनी तहकीकात शुरू कर दी है.

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दीपेश त्रिपाठी

  • मुंबई,
  • 12 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

मुंबई में कस्टम अधिकारी के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. एमआरए मार्ग पुलिस कॉलोनी में रहने वाली मनीषा अनिल कारे (25) ने पुलिस को जानकारी दी कि 32 वर्षीय वैभव नारदे ने सोशल मीडिया पर उससे दोस्ती की और अपना परिचय कस्टम अधिकारी के रूप में दिया. नारदे ने पीड़िता कारे से कहा कि जब भी वह किसी केस को सुलझाता है तो उसे इनाम के रूप में सोना मिलता है.

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सस्ते में सोना खरीदने के नाम पर ठगी

कुछ दिनों बाद इस जालसाज ने पीड़िता से कहा कि वह सोना बेचना चाहता है जो विभाग ने उसे इनाम के तौर पर दिया है. कारे ने इसे खरीदना चाहा क्योंकि जालसाज इसे सस्ती दर पर बेचना चाहता था. पीड़िता को 9 तोला सोने के लिए 3.5 लाख रुपए की बात कही गई और वह डील के लिए राजी हो गई. कारे ने 11 अप्रैल को नारदे के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए.पैसे ट्रांसफर होने के बाद यह जालसाज पीड़िता के साथ टालमटोली करने लगा.

पुलिस अधिकारी की पत्नी है पीड़िता

कारे उसे फोन करती रहीं लेकिन नारदे ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. पीड़िता ने एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता का पति मुंबई पुलिस में पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है.

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कुछ महीने हुए गिरोह का भांडाफोड़

आपको बता दें कि कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने ऐसे ठग को गिरफ्तार किया था, जो सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठता था.ये लोग उन लोगों को निशाना बनाते थे जिन्होंने ऑनलाइन कुछ सामान मंगवाया होता था और उनका पार्सल आना होता था. ये ठग सीबीआई अधिकारी बनकर ग्राहकों को फोन करते. फिर कहते कि आपके पार्सल में नारकोटिक्स जैसे चरस, गांजा, हेरोइन मिला है. इसलिए हम आपके खिलाफ केस दर्ज करने जा रहे हैं.  फिर उन्हें कहते कि पैसे देकर मामला रफा-दफा किया जा सकता है. लोग भी इन्हें असली सीबीआई अधिकारी समझकर पैसे दे देते. ताकि उन पर कोई केस न हो.

 

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