कर्ज के बदले जबरन लिखवा लिए चार फ्लैट, बिल्डर ने की खुदकुशी... परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

महाराष्ट्र के पालघर में सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक बिल्डर ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना को लेकर बिल्डर के परिवार ने आरोप लगाया है कि दो पुलिसकर्मी और एक दलाल लगातार मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे और जबरन चार फ्लैट लिखवा लिए थे. फिलहाल पुलिस इस मामले को लेकर जांच में जुटी है.

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घटना की जांच में जुटी पुलिस. (Representational image) घटना की जांच में जुटी पुलिस. (Representational image)

aajtak.in

  • पालघर,
  • 02 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक बिल्डर ने आत्महत्या कर ली. घटना के बाद घर में चीख-पुकार मच गई. घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया. पुलिस का कहना है कि मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. इस मामले में परिवार का आरोप है कि दो पुलिसकर्मी और एक प्रॉपर्टी डीलर लगातार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. आरोप है कि कर्ज के बदले जबरन चार फ्लैट लिखवाने का दबाव बनाया गया, जिससे तनाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया.

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एजेंसी के अनुसार, मृतक की पहचान जयप्रकाश चव्हाण के रूप में हुई है. जब वह अपने घर में फांसी के फंदे पर लटके पाए गए. परिवार ने आत्महत्या को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि जयप्रकाश ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें दो पुलिसकर्मियों और एक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न और धमकियों के आरोप हैं.

परिजनों के अनुसार, जयप्रकाश चव्हाण ने एक बिल्डिंग प्रोजेक्ट के लिए 33 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें से 32 लाख रुपये चुका दिए थे, लेकिन इसके बावजूद पुलिसकर्मियों और उनके दलाल ने जयप्रकाश पर दबाव बनाकर चार फ्लैट जबरन लिखवा लिए.

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इस मामले में मृतक जयप्रकाश की बेटी गौरी चव्हाण ने कहा कि मेरे पापा कई दिनों से तनाव में थे. उन्हें बार-बार धमकाया जा रहा था. वे परेशान थे. परिवार का कहना है कि पुलिसकर्मी और दलाल मिलकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे और इसी के चलते उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया.

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इस पूरी घटना को लेकर अचोले पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. फिलहाल इस मामले में ADR (Accidental Death Report) दर्ज की गई है. सीनियर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी और यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी या व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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