सत्तर के दशक के मशहूर मराठी गायक अरुण दाते के छोटे बेटे संगीत दाते इन दिनों पुणे के पास वाकड़ इलाके में एक भिखारी की जिंदगी बसर कर रहे हैं. बारिश से बचने के लिए वह किसी के दिए हुए कंबल से लिपटे रहते हैं. उनकी पहचान पुख्ता होने के बाद लोगों को यकीन नहीं हुआ.
जानकारी के मुताबिक 48 साल के संगीत परिवार से अलग हो गए हैं. परिजनों से उनकी नहीं बनती. उनकी पत्नी पढ़ी-लिखी और एक सफल आर्किटेक्ट है. बीते दस सालों से वह संगीत के साथ नहीं रहती. करीबियों के मुताबिक संगीत का अड़ियल स्वभाव ही उनके इस हालात के लिए जिम्मेदार है.
पुणे के पास वाकड़ इलाके में एक पुल के नीचे सड़क पर भिखारी की तरह मिले संगीत ने कुछ दिनों से कुछ न खाने के चलते बीमार हो गए. बिना अनाज-पानी के लावारिस संगीत दाते की जानकारी करीब में ही अपनी ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी विष्णु नागरे को मिली. उन्होंने संगीत को खाना खिलाया. परिवार के बारे में पूछ जाने पर संगीत टालते रहे. उनसे मिले मोबाइल नंबर पर बात होने के बाद पता चला कि वह अरुण दाते के सबसे छोटे बेटे हैं.
संगीत ने बताया कि मुंबई के बांद्रा स्थित अपना एक फ्लैट बेच कर मोटी रकम के साथ वह मसाले का व्यापार करने के लिए पुणे पहुंचे थे. चोरों ने उनके एटीएम कार्ड, चेक बुक, पर्स, मोबाइल फोन वगैरह चुरा लिया. इसके बाद एक रिक्शावाले ने उन्हें ससून अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया. अस्पताल में हो रहे इलाज के बीच वह वाकड़ ब्रिज कैसे पहुंचे, यह उन्हें भी नहीं पता.
ऐसे बीता संगीत दाते का बचपन
1970 के दौरान संगीत दाते के पिता अरुण दाते महाराष्ट्र में एक मशहूर गायक थे. घर में पैसे की बारिश होती रही. संगीत के पिता हर महंगी चीज संगीत को मुहैया करा
देते थे. बेहद लाड-प्यार में पले और बड़े हुए. पिताजी की बदौलत मुंबई के मशहूर लोगों के साथ दोनों भाइयों का उठना-बैठना था.
अरुण दाते पत्नी और दो बेटों के साथ मुंबई के सबसे पॉश कहलाने वाले कार्टर रोड के गोल्ड मिस्ट बिल्डिंग के आलिशान फ्लैट में रहते थे. गोल्ड मिस्ट बिल्डिंग में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर हस्तियां जैसे बासु भट्टाचार्य, डॉ. श्रीराम लागू उसी सात मंजिल के बिल्डिंग में रहते थे. बिल्डिंग में सिर्फ सात फ्लैट और एक फ्लैट तकरीबन साढ़े चार हजार स्क्वायर फीट का था. सामने था जॉगर्स पार्क. संगीत दाते और उनके बड़े भाई की पढ़ाई भी अच्छे स्कुल में हुई. उन्होंने रिजवी कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की.
बड़े लोगों के साथ देखे बड़े सपने
पिताजी का कमाया हुआ बेशुमार पैसा और मां के लाड-प्यार ने संगीत को एक आराम की जिंदगी जीने का आदी बनाया. बीकॉम और एमबीए करने वाले संगीत की शेयर्स
और मार्केट पर अच्छी-खासी पकड़ थी. संगीत दाते को राज ठाकरे का बहुत करीबी कहा जाता है. संगीत ने उनके करीबियों को ये भी बताया था के जब राज ठाकरे ने
मनसे पार्टी की शुरुआत की तब संगीत दाते कोर टीम के एक प्रमुख सदस्य थे.
अपनों का विश्वास तोड़ा
संगीत को उनके पिताजी ने एक अच्छा तबलची बनाने का सपना देखा. उसके लिए एक खास तबला टीचर घर आकर उन्हें सिखाया करता था. लेकिन संगीत कभी एक
जगह ज्यादा नहीं ठहरा. जल्दी और ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में संगीत ने जितने लोग जोड़े, उससे ज्यादा लोग से संबंध खराब किए. क्योंकि कभी कोई वादा पूरा नहीं
किया. संगीत के बड़े भाई अतुल दाते ने कहा के संगीत का बर्ताव सही नहीं हैं. इसकी वजह से परिवार काफी परेशान हुआ करता था. सालों पहले ही उसे कानूनी तौर पर
परिवार से अलग कर दिया गया है.
एक बार फिर खड़े हो पाएंगे संगीत?
संगीत ने कभी भी संघर्ष और मेहनत को महत्व नहीं दिया. इसी कारण आज उनके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं है. पुणे के ससून अस्पताल में उनका इलाज हो
रहा है. ये जानकारी जब मशहूर संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर को मिली तब उन्होंने संगीतकार सलिल कुलकर्णी के जरिए उन्हें मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करवाया.
काउंसलिंग के जरिए उन्हें फिर से मुख्य धारा में लाने की कोशिश की जा रही है.
केशव कुमार / पंकज खेळकर