'जो लोगों को जितना मूर्ख बना ले, वही सबसे अच्छा नेता', नागपुर में बोले नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि उनके पेशे यानी राजनीति में सच बोलने की मनाही है. उन्होंने कहा कि कुछ नेता लोगों को मूर्ख बनाकर सफल होते हैं.

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी. (Photo: X/@nitin_gadkari) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी. (Photo: X/@nitin_gadkari)

योगेश पांडे

  • नागपुर,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा कहा,​ जिसकी राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि वह जिस पेशे से आते हैं, यानी राजनीति, उसमें सच बोलना मना है. भाजपा नेता ने नेतृत्व और राजनीति पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, 'जो व्यक्ति लोगों को सबसे अच्छे से मूर्ख बना सके, वही सबसे अच्छा नेता हो सकता है.'

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अखिल भारतीय महानुभाव परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने अपने इस बयान के जरिए वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर सवाल उठाए, जहां उनकी नजर में सत्य को कम महत्व दिया जाता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बोलना आसान है, लेकिन उसे अमल में लाना चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने लोगों से शॉर्टकट अपनाने की बजाय ईमानदारी और समर्पण के साथ जीवन जीने का आग्रह किया. 

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उन्होंने मराठी कहावत 'हौसे, नवसे, गवसे' (हर किसी का अपना अंदाज और मकसद) का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ नेता लोगों को मूर्ख बनाकर उनका विश्वास जीत लेते हैं और यही उनकी सफलता का आधार बन जाता है. नितिन गडकरी ने सत्य की महत्ता पर बल देते हुए कहा, 'भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है कि अंततः सत्य की ही जीत होती है.' उन्होंने नेताओं और समाज को सत्य और नैतिकता के मार्ग पर चलने की सलाह दी. 

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नितिन गडकरी ने शॉर्टकट अपनाने की प्रवृत्ति पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'शॉर्टकट से चीजें हासिल करना संभव है. नियम तोड़ना, रेड सिग्नल जम्प करना, लेकिन एक दार्शनिक ने ठीक कहा है, शॉर्टकट आपको छोटा कर देते हैं. ईमानदारी, विश्वसनीयता, समर्पण और सत्य समाज में हमेशा महत्वपूर्ण रहेंगे. ये मूल्य न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि सार्वजनिक जीवन और नेतृत्व में भी अपनाए जाने चाहिए.' 

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