महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 2020 के सहार नकली मुद्रा केस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कठोर कारावस की सजा सुनाई है. तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया है.
डैनिश हाजी मोहम्मद पेटीवाला और सरस्वती दत्ताराम उर्फ स्कान को 5 साल, 6 महीने और 2 दिन की सजा और छह हज़ार रुपये जुर्मना लगाया गया है. वहीं जे. कलील रहमान को 5 साल, 5 महीने और 18 दिन की सजा और 5000 जुर्माना लगाया गया है.
क्या है मामला?
दरअसल ये मामला 2020 का है. मुंबई कस्टम्स विभाग को मलेशिया से आए एक पार्सल की जानकारी मिली थी. इस पार्सल में 68 हज़ार के मूल्य के नकली भारतीय नोट थे. जिन्हें गोरेगांव (वेस्ट), मुंबई में संगीता कपूर के पते पर भेजा गया था.
जांच में सामने आया कि मुंबई निवासी डैनिश हाजी, और उनकी प्रेमिका सरस्वती, साथ ही मलेशियाई निवासी अमीर मिर्जा ने मिलकर भारत में नकली नोट तस्करी करने का प्लान बनाया था. सितंबर 2020 में अमीर मिर्जा के खिलाफ वारंट भी जारी किया था.
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कस्टम विभाग को बड़ी सफलता अंधेरी ईस्ट से मिली थी. यहां होटल अद्या इंटरनेशनल में डैनिश और सरस्वती रुके हुए थे. इन लोगों की यहां से दबोचा गया और पूरा मामले की सच्चाई सामने आ गई.
एनआईए की जांच
एनआईए की जांच में सामने आया कि डैनिस, सरस्वती और अमीर ने मिलकर भारत में नकली नोटों की तस्करी की योजना बनाई थी ताकि भारत की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर किया जा सके. जांच में भी ये सामने आया कि नकली नोटों को असली मुद्रा के बदले बैंकिंग चैनल और डाक सेवा के माध्यम से भारत में भेजा गया.
दिव्येश सिंह