विक्ट्री परेड का असली 'हीरो' मुंबई पुलिस का ये सिपाही, भीड़ में ऐसे बचाई महिला की जान

मुंबई के मरीन ड्राइव पर गुरुवार को भारतीय क्रिकेट टीम के विक्ट्री परेड को देखने लाखों लोग जमा हुए थे. इतनी ज्यादा भीड़ के कारण एक महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. महिला को बेहोश होता देख मौके पर तैनात मुंबई पुलिस के एक जवान ने देवदूत बनकर उसकी जान बचाई. मुंबई पुलिस ने अपने एक्स हैंडल पर जवान की प्रशंसा करते हुए उसे असली मैन ऑफ द मैच बताया है. साथ ही महिला की जान बचाते वीडियो भी जारी की है.

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सईद सलीम पिंजारी (क्रेडिट- स्क्रीन ग्रैब मुंबई पुलिस) सईद सलीम पिंजारी (क्रेडिट- स्क्रीन ग्रैब मुंबई पुलिस)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 07 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

टी-20 वर्ल्ड कप जीत कर वतन लौटने वाली टीम इंडिया के स्वागत के लिए मुंबई के मरीन ड्राइव पर गुरुवार को लाखों लोगों की भीड़ जुटी थी. हर कोई विक्ट्री परेड का दीदार करना चाहता था. इस दौरान एक महिला की तबीयत बिगड़ गई. काफी भीड़ की वजह से वह सांस नहीं ले पा रही थी और उसकी हालत खराब हो गई थी. तब मुंबई पुलिस के एक जवान ने उसकी जान बचाई.  

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मरीन ड्राइव पर जमा लाखों की तादाद में लोगों के बीच से बेहोश हुई महिला को कंधे पर लादकर मुंबई पुलिस के जवान सईद सलीम पिंजारी ने निकाला. उसके बाद उसे हॉस्पिटल ले गए. तब जाकर उसकी जान बच पाई. अगर समय रहते सलीम की नजर महिला पर नहीं पड़ती, तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी. 

सईद सलीम पिंजारी की इस बहादुरी की हर तरफ तारीफ हो रही है. महिला को भीड़ के बीच से बचाकर निकालने की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. क्योंकि लाखों की उस भीड़ में उस वक्त सलीम ने एक हीरो की तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए भीड़ के बीच से महिला को निकालकर उसकी जान बचाई. मुंबई पुलिस ने भी सईद सलीम की प्रशंसा की है. 

सईद सलीम पिंजारी ने बताया कि मरीन ड्राइव पर ड्यूटी के दौरान लाखों लोगों की भीड़ में अचानक से एक महिला की हालत बिगड़ने लगी. जैसे ही उस पर नजर पड़ी, मैंने बिना समय गंवाए उसे वहां से उठाया. मेरे साथ मेरा एक साथी कांस्टेबल भी था. किसी तरह उसे भीड़ से निकालकर ऐसी जगह ले गया, जहां वह ठीक से सांस ले सके.

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इसके बाद उस महिला को हमने पानी और बिस्किट दी. धीरे-धीरे वह होश में आने लगी और नॉर्मल होने लगी. तब जाकर उसे नजदीक के एक एंबुलेंस के पास ले गया. तब जाकर उसकी जान बच पाई. यह सब हमारे ट्रेनिंग का नतीजा है कि ड्यूटी पर रहते हुए एक महिला की मैं जान बचा पाया. मुझे गर्व है कि मैं मुंबई पुलिस का हिस्सा हूं.

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