मुंबई में मंत्री ने बुक की रैपिडो बाइक, जब युवक पहुंचा तो 500 रुपये देकर कही ये बात, अब होगा एक्शन?

मुंबई में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने खुद ग्राहक बनकर एक बड़ा खुलासा कर डाला. उन्होंने रैपिडो ऐप से एक बाइक टैक्सी बुक की और महज 10 मिनट में वह बाइक उन्हें लेने पहुंच गई, जबकि यहां सरकार ने अभी तक किसी भी बाइक टैक्सी ऐप को आधिकारिक अनुमति नहीं दी है. मंत्री ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से चल रही बाइक टैक्सी को बेनकाब किया, बल्कि उन अफसरों की पोल भी खोल दी, जो कह रहे थे कि ऐसा कुछ चल ही नहीं रहा.

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मंत्री ने ड्राइवर को दिए 500 रुपये. (Photo: Aajtak) मंत्री ने ड्राइवर को दिए 500 रुपये. (Photo: Aajtak)

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 03 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

मुंबई से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने खुद कस्टमर बनकर बिना परमिशन चल रही रैपिडो बाइक टैक्सी को रंगेहाथ पकड़ लिया. यह मामला राज्य सरकार की नई ई-बाइक टैक्सी नीति से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि अब सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक और नियमों के तहत काम करने वालों को ही बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति दी जाएगी.

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इसके बावजूद मुंबई में रैपिडो जैसी ऐप के जरिए अब भी पेट्रोल से चलने वाली बाइक टैक्सी बिना सरकारी मंजूरी के सड़कों पर चल रही हैं. जब मंत्री सरनाईक ने इस पर सवाल किया तो परिवहन विभाग ने जवाब दिया कि मुंबई या किसी अन्य शहर में कोई भी गैरकानूनी तरीके से बाइक टैक्सी नहीं चल रही है. यह जवाब सुनकर मंत्री को शक हुआ और उन्होंने खुद ही इसकी सच्चाई जानने का फैसला किया.

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मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक अलग नाम से रैपिडो ऐप के जरिए राइड बुक की. महज 10 मिनट में एक बाइक मंत्रालय के शहीद बाबू गेनू चौक पर उन्हें लेने पहुंच गई. इस तरह खुद मंत्री ने ही साबित कर दिया कि मुंबई में बिना अनुमति के निजी कंपनियां बाइक टैक्सी चला रही हैं, जबकि विभाग इससे इनकार कर रहा है.

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मंत्री ने मौके पर ड्राइवर को 500 रुपये किराया भी दिया और कहा कि हम ऐसे गरीब ड्राइवरों पर कार्रवाई कर कुछ हासिल नहीं कर सकते, लेकिन इनके पीछे जो बड़ी कंपनियां और ताकतवर लोग हैं, उन्हें जरूर सजा मिलनी चाहिए. यही हमारा उद्देश्य है. अब बड़ा सवाल ये है कि जो अधिकारी मंत्री को गलत जानकारी दे रहे थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? क्या राज्य सरकार अब इन अनधिकृत ऐप वाली सेवाओं पर शिकंजा कस पाएगी?

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