मुंबई: गोरेगांव में 27 करोड़ में बना फ्लाईओवर 6 साल में तोड़ने की तैयारी, BMC के फैसले से लोगों में आक्रोश

BMC का तर्क है कि यह फ्लाईओवर मुंबई कोस्टल रोड के फेज-2 और गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (GMLR) के प्रस्तावित जुड़ाव के आड़े आ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जब यह फ्लाईओवर बनाया गया था, तब कोस्टल रोड योजना अस्तित्व में नहीं थी. अब नए ट्रैफिक नेटवर्क को देखत

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गोरेगांव में वीर सावरकर फ्लाईओवर को तोड़ा जाएगा (Photo: ITG) गोरेगांव में वीर सावरकर फ्लाईओवर को तोड़ा जाएगा (Photo: ITG)

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने गोरेगांव पश्चिम स्थित वीर सावरकर फ्लाईओवर को तोड़ने और नए सिरे से बनाने की योजना बनाई है,  लेकिन ये प्लानिंग स्थानीय निवासियों को रास नहीं आ रही है.ये फ्लाईओवर 2018 में 27 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ था और तब से इलाके में ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक कम हुई है. अब BMC का कहना है कि ये फ्लाईओवर मुंबई कोस्टल रोड परियोजना के दूसरे चरण के रास्ते में आ रहा है, इसलिए इसे ध्वस्त करना जरूरी है.

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मलाड पश्चिम से कांग्रेस विधायक असलम शेख ने BMC के इस कदम को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ये जनता के पैसे की बर्बादी है. लगता है कि सरकार चुनाव से पहले BMC के फंड से जितना पैसा निकाल सकती है, निकालना चाहती है. इस पुल को तोड़ने से ट्रैफिक और बढ़ेगा. BMC को इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए और विकल्प तलाशने चाहिए.

वहीं, ALM माइंडस्पेस मलाड के अध्यक्ष शहजाद रुस्तमजी ने भी इसे एक गलत कदम बताया. उन्होंने कहा कि अगर यह फ्लाईओवर तोड़ा गया, तो हाईवे तक पहुंचने में 45 मिनट या उससे ज्यादा लगेंगे. इससे रियल एस्टेट की कीमतें और स्थानीय व्यापार प्रभावित होंगे. बीएमसी को इस फैसले पर दोबारा सोचने की जरूरत है.

क्यों जरूरी है फ्लाईओवर को तोड़ना?

BMC का तर्क है कि यह फ्लाईओवर मुंबई कोस्टल रोड के फेज-2 और गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (GMLR) के प्रस्तावित जुड़ाव के आड़े आ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जब यह फ्लाईओवर बनाया गया था, तब कोस्टल रोड योजना अस्तित्व में नहीं थी. अब नए ट्रैफिक नेटवर्क को देखते हुए डबल-डेकर फ्लाईओवर का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो माइंडस्पेस और डिंडोशी को जोड़ेगा.

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क्या है मौजूदा स्थिति?

फिलहाल यह फ्लाईओवर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) से गोरेगांव और मालाड को सीधे जोड़ता है, और यात्रा समय 45 मिनट से घटकर 10 मिनट हो गया है. इसके टूटने से पश्चिमी उपनगरों में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है. BMC के अनुसार किसी भी नवनिर्मित पुल की संरचनात्मक उम्र कम से कम 20 साल मानी जाती है. ऐसे में फ्लाईओवर को महज 6 साल में ही तोड़ना कई सवाल खड़े करता है.

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