बॉम्बे हाई कोर्ट से MMRDA को झटका, फ्रेंच कंपनी के साथ मेट्रो प्रोजेक्ट पर करना होगा पुनर्विचार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने MMRDA द्वारा फ्रेंच कंपनी सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ की गई कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति को खारिज कर दिया है. अदालत ने इसे मनमाना और बिना उचित कारण करार देते हुए MMRDA को निर्देश दिया कि वह नई सुनवाई के बाद दोबारा फैसला लें.

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बम्बई उच्च न्यायालय. (PTI/File Photo) बम्बई उच्च न्यायालय. (PTI/File Photo)

विद्या

  • मुंबई,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:07 AM IST

मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट्स से संबंधित एक अहम फैसले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को MMRDA द्वारा फ्रेंच कंपनी सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति के फैसले को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की बेंच ने इसे मनमाना करार देते हुए MMRDA को निर्देश दिया कि वह नई सुनवाई के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार करें.

MMRDA ने फरवरी 2020 में मुंबई मेट्रो लाइनों 5 (ठाणे-भिवंडी-कल्याण), 7A [अंधेरी (पूर्व)-CSIA] और 9 (मीरा-भायंदर) के लिए डिजाइन, खरीद, निर्माण और प्रबंधन सुपरवीजन के लिए एक सामान्य सलाहकार नियुक्त करने के लिए बिडिंग निकाली थीं. सिस्ट्रा कंसोर्टियम ने जून 2020 में 90.76 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी और मई 2021 में इसे सिस्टम वर्क्स के लिए सामान्य सलाहकार नियुक्त किया गया था.

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क्या है पूरा मामला?

मुश्किलें तब शुरू हुईं जब MMRDA ने 3 जनवरी को सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग की सेवाएं समाप्त करने का नोटिस जारी किया, जबकि कॉन्ट्रैक्ट मई 2021 में 42 महीने के लिए प्रदान किया गया था. बेंच ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति नोटिस में कारण नहीं थे, जो अनावश्यक और सार्वजनिक विधि सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.

सिस्ट्रा कंसोर्टियम का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील वेंकटेश धोंड ने तर्क दिया कि कॉन्ट्रैक्ट में मध्यस्थता खंड की  के बावजूद, अदालत पुनर्विचार कर सकती है. MMRDA की तरफ से, वकील जनरल बीरेंद्र सराफ ने कॉन्ट्रैक्ट के प्रावधानों का हवाला दिया, जिसके तहत MMRDA अपने विवेक के मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त कर सकती है. उन्होंने कोर्ट को पहले के फैसलों का हवाला दिया, जिसमें सरकारी एजेंसियों के विवेकाधिकार की पुष्टि की गई थी.

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MMRDA को अदालत ने क्या निर्देश दिया?

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि MMRDA के पास कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त करने का संविदात्मक अधिकार था, परंतु इसे मनमाना ढंग से लागू नहीं किया जा सकता. अदालत ने MMRDA को निर्देश दिया कि वह नई सुनवाई के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर निर्णायक और न्यायसंगत रूप से विचार करें.

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इस फैसले के बाद, MMRDA को अब सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट पर पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप पुनर्विचार करना होगा. कोर्ट ने MMRDA को निर्देश दिया है कि वो कंपनी की बात सुने और उसके आधार पर दोबारा एक नया फैसला लें.

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