महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे को 2 साल की सजा, 27 साल बाद आया केस का फैसला

नासिक डिस्ट्रिक्ट और सेशंस कोर्ट ने राज्य के खेल मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता माणिकराव कोकाटे को मुख्यमंत्री आवास योजना से जुड़े फ्लैट घोटाले में दो साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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मंत्री माणिकराव कोकाटे को फ्लैट घोटाले में 2 साल की सजा (Photo: ITG/  Abhijit Karande) मंत्री माणिकराव कोकाटे को फ्लैट घोटाले में 2 साल की सजा (Photo: ITG/ Abhijit Karande)

अभिजीत करंडे

  • नासिक,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

महाराष्ट्र की नासिक डिस्ट्रिक्ट और सेशंस कोर्ट ने मंगलवार को राज्य की राजनीति में बड़ा फैसला सुनाते हुए महाराष्ट्र सरकार के खेल मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता माणिकराव कोकाटे को दो साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह मामला मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट आवंटन में धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है.

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डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज पीएम. बदर ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रूपाली नरवाडिया की अदालत द्वारा पहले दिए गए फैसले को बरकरार रखा और आदेश दिया कि सजा पर तुरंत अमल किया जाए. 

कोर्ट के इस आदेश के बाद अब माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे की गिरफ्तारी के लिए समन जारी किए जा सकते हैं.

यह मामला नासिक शहर के कनाडा कॉर्नर इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट से जुड़ा है, जहां मुख्यमंत्री कोटे के तहत 10 प्रतिशत आरक्षित फ्लैट्स का आवंटन किया जाता है. आरोप है कि माणिकराव कोकाटे और उनके भाई ने दस्तावेजों में जालसाजी कर इस योजना के तहत चार फ्लैट हड़प लिए. इसी मामले में दोनों को दोषी ठहराया गया है.

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कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि अगर तय समय में जुर्माने की राशि नहीं भरी जाती है, तो दोनों आरोपियों को एक महीने की अतिरिक्त जेल सजा भुगतनी होगी. एडवोकेट सुधीर कोटवाल ने जानकारी दी कि सेशंस कोर्ट के आदेश के अनुसार अब निचली अदालत को गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू करनी होगी.

माणिकराव कोकाटे की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो वे 67 साल के हैं और सिन्नर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने 1999, 2004 और 2009 में चुनाव जीते थे. 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि 2024 में वे एनसीपी अजित पवार गुट से फिर से विधायक चुने गए.

इस केस की शुरुआत साल 1997 में हुई थी, जब पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने मुख्यमंत्री कोटे के फ्लैट्स में कथित धोखाधड़ी को लेकर याचिका दाखिल की थी. मामला नासिक के सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था. करीब 27 साल बाद अब इस केस में अदालत ने सजा सुनाई है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है.

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