उद्धव को CM बना शरद पवार ने चुकाया बाल ठाकरे का 13 साल पुराना कर्ज

शरद पवार 13 साल पहले बाल ठाकरे के किए एहसान को चुकाने के लिए भतीजे अजित पवार के खिलाफ अड़ गए और उद्धव ठाकरे की सियासी राह में आ रहे सारे कांटों को हटा दिया. शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाकर बाल ठाकरे के कर्ज को अदा कर दिया है.

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उद्धव ठाकरे और शरद पवार उद्धव ठाकरे और शरद पवार

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली/मुंबई,
  • 27 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

  • महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेंगे उद्धव ठाकरे
  • पवार ने चुकाया बाल ठाकरे 13 साल पुराना कर्ज
  • ठाकरे ने सुप्रिया के खिलाफ नहीं उतारा था प्रत्याशी

राजनीति में ऐसा कम होता है कि लोग दुश्मनी भूल जाएं, लेकिन ये अक्सर होता है कि लोग अच्छी बातें और अहसान भूल जाते हैं. हालांकि शरद पवार ऐसे नहीं निकले. शरद पवार 13 साल पहले बाल ठाकरे के किए एहसान को चुकाने के लिए भतीजे अजित पवार के खिलाफ अड़ गए और उद्धव ठाकरे की सियासी राह में आ रहे सारे कांटों को हटा दिया. शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाकर बाल ठाकरे के कर्ज को अदा कर दिया है.

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दरअसल साल 2006 में भी राजनीतिक हालात कुछ ऐसे ही थे. उस वक्त एनसीपी की तरफ से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले पहली बार राज्यसभा का चुनाव लड़ी थीं. तब बाला साहेब ठाकरे ने सुप्रिया सुले खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था. ठाकरे का कहना था कि ये गर्व की बात है कि महाराष्ट्र की बेटी दिल्ली जा रही है. वह हमारे सामने ही बड़ी हुई है, ऐसे में हम उसके सामने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. इस तरह सुप्रिया सुले राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं.

बाल ठाकरे ने इस तरह से राजनीति की उस स्वस्थ परंपरा का निर्वहन किया था जो कि आज के दौर में बहुत कम दिखाई देती है. शरद पवार के पास 13 साल बाद राजनीतिक हालातों के चलते एक मौका आया तो उन्होंने भी ऐसी ही नजीर पेश की है. शरद पवार ने आज उद्धव ठाकरे को सीएम बनाकर उस एहसान का बदला चुका दिया है.

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महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद सियासी हालात कुछ ऐसे बने कि बीजेपी से शिवसेना का तालमेल नहीं बैठ सका. इसका नतीजा हुआ कि शिवसेना और बीजेपी अलग हो गईं. कांग्रेस-एनसीपी के साथ उद्धव ने नया गठबंधन महाविकास अघाड़ी बनाया. इसी बीच अजित पवार की बगावत ने सियासी संकट पैदा कर दिया, जिसके बाद शरद पवार ने मोर्चा संभाला और इस तरह से उद्धव ठाकरे की सियासी राह की सारी मुश्किलों को आसान कर दिया.

अब खुद शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को पूरे पांच साल के लिए सीएम पद दे दिया वो भी तब जब उनके विधायकों की संख्या शिवसेना से महज दो कम है.  इस तरह से 13 साल बाद बने राजनीतिक हालात में शरद पवार ने उस कर्ज को जबरदस्त अंदाज में चुकाया है, जिसे बाल ठाकरे ने 2006 में सुपिया सुले को राज्यसभा भेजने के लिए किया था.

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