मुंबई में केबल टैक्सी चलाने की तैयारी, पद संभालते ही परिवहन मंत्री बोले- ये मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने पद संभालते ही अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में बात की है. उन्होंने मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में ट्रैफिक कम करने के लिए केबल टैक्सी का प्रस्ताव रखा और कहा कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है.

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महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक (File Photo) महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक (File Photo)

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 24 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मंगलवार को मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में ट्रैफिक कम करने के लिए केबल टैक्सी का प्रस्ताव रखा और कहा कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है. बता दें कि सरनाईक ने आज ही महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला है.

उन्होंने कहा कि केबल टैक्सियां यूरोप के देशों में काफी लोकप्रिय हैं. सड़क परिवहन खत्म हो रहा है और मुंबई में सड़कों पर अधिक वाहनों के कारण सड़क की जगह कम होती जा रही है. हम जल परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं. लेकिन हमें परिवहन के नए रास्ते तलाशने होंगे और केबल टैक्सी बहुत ही सही विचारों में से एक है.

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उन्होंने जोर देकर कहा कि केबल टैक्सी मुंबई महानगर क्षेत्र में परिवहन का एक लोकप्रिय तरीका हो सकता है. यह केबल टैक्सी प्रणाली महाराष्ट्र में कहीं भी नहीं है. अगर हम 15-सीटर या 20-सीटर केबल टैक्सी चलाते हैं, तो ट्रैफिक नियंत्रण में आ जाएगा. अगर हम मेट्रो को जमीन के ऊपर चला सकते हैं तो केबल टैक्सी चलाना कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि आपको रोपवे स्थापित करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होगी. सरनाईक ने कहा कि केबल टैक्सियों को महाराष्ट्र परिवहन विभाग के दायरे में आना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह प्रणाली सही तरह से काम कर सके. 

केबल टैक्सी क्या हैं?

केबल टैक्सी, जिन्हें पॉड टैक्सी के नाम से जाना जाता है, छोटी और चालक रहित गाड़ियां होती हैं, जिन्हें एक निश्चित संख्या में यात्रियों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. केबल टैक्सी गाइडवे के नेटवर्क पर काम करती हैं, जो खंभों या ओवरहेड केबलों पर ऊपर की ओर होते हैं.

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2017 में बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने शहर के ट्रैफिक से बचने के लिए पॉड टैक्सी शुरू करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि, कर्नाटक सरकार ने ज्यादा लागत और सिस्टम की व्यवहार्यता पर चिंताओं के कारण 2018 में प्रस्ताव को रद्द कर दिया.

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