रमी खेलने वाले महाराष्ट्र के मंत्री को मिला खेल विभाग, छिना कृषि मंत्रालय

मंत्रिपरिषद में ये फेरबदल ऐसे समय हुआ है, जब कोकाटे पर विधानसभा सत्र के दौरान ऑनलाइन रमी गेम खेलने का आरोप लगा था. शरद गुट के विधायक रोहित पवार द्वारा सार्वजनिक किए गए इस वीडियो ने हंगामा मचा दिया और विपक्षी नेताओं ने महाराष्ट्र के कृषि संकट के बीच कोकाटे की असंवेदनशीलता की कड़ी आलोचना की.

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माणिकराव कोकाटे को कृषि मंत्री पद से हटाया गया (File photo: PTI) माणिकराव कोकाटे को कृषि मंत्री पद से हटाया गया (File photo: PTI)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिपरिषद में फेरबदल की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की है. इसके तहत माणिकराव कोकाटे को कृषि मंत्री पद से हटाकर उन्हें खेल और युवा कल्याण मंत्री बना दिया है. उनकी जगह अब दत्तात्रेय भरणे को नया कृषि मंत्री नियुक्त किया गया है. ये फैसला एनसीपी (अजित पवार गुट) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसे में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर अपने मंत्रियों से जुड़े विवादों को सुलझाने का दबाव बढ़ गया है.

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मंत्रिपरिषद में ये फेरबदल ऐसे समय हुआ है, जब कोकाटे पर विधानसभा सत्र के दौरान ऑनलाइन रमी गेम खेलने का आरोप लगा था. शरद गुट के विधायक रोहित पवार द्वारा सार्वजनिक किए गए इस वीडियो ने हंगामा मचा दिया और विपक्षी नेताओं ने महाराष्ट्र के कृषि संकट के बीच कोकाटे की असंवेदनशीलता की कड़ी आलोचना की. उनका कहना था कि जब राज्य में किसान संकट से जूझ रहे हैं, उस समय कृषि मंत्री का यह रवैया गैरजिम्मेदार और असंवेदनशील है.

हालांकि माणिकराव कोकाटे ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वह केवल एक पॉप-अप बंद कर रहे थे, रमी गेम नहीं खेल रहे थे. उन्होंने आलोचकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी थी. लेकिन एक विधायी जांच में खुलासा हुआ कि वे करीब 18 से 22 मिनट तक मोबाइल गेम में संलग्न थे, जबकि उन्होंने सिर्फ 10-15 सेकंड की बात कही थी.

कोकाटे ने मांगी थी माफी 

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विपक्ष द्वारा डिप्टी सीएम अजित पवार से कोकाटे के इस्तीफे की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन कोकाटे को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. उन्होंने माफ़ी मांगी और आगे ऐसा न करने का वादा किया.

पहले भी घिरे थे विवादों में

बता दें कि कोकाटे पहले भी कई विवादों में घिरे रहे हैं- 1995 का एक हाउसिंग फ्रॉड केस (जिस पर फिलहाल रोक है) और एक बयान जिसमें उन्होंने किसानों की तुलना भिखारियों से की थी. इन घटनाओं के चलते सरकार की लगातार आलोचना हो रही थी.

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