महाराष्ट्र के मुला-मुठा नदी में हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं. इससे नदियों के बिगड़ते इकोसिस्टम के बारे में गंभीर चिंता पैदा हुई है. बड़ी संख्या में मछलियों के मरने का मामला तब सामने आया जब पुणे रिवर रिवाइवल ऑर्गेनाइजेनशन के वॉलंटियर्स यहां इंसपेक्शन के लिए पहुंचे. संगठन ने बाद में इसपर चिंता जाहिर की और नदियों के इकोसिस्टम को ठीक करने पर जोर दिया.
प्रभावित क्षेत्रों में संगमवाड़ी, नाइक बेट और विनायक नगर शामिल हैं, जहां से नदी की स्थिति प्रदूषण और खराब वेस्ट मैनेजमेंट की वजह से तेजी से गिर रही है. पुणे नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त, पृथ्वीराज के मुताबिक, प्रभावित क्षेत्रों से पानी के सैंपल टेस्ट के लिए लैब्स में भेजे गए हैं.
लोकल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया गया इंसपेक्शन
एडिश्नल कमिश्नर बताया कि नगर निगम ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को इसकी जानकारी दी है और स्थानीय सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का निरीक्षण किया गया है. एडिश्नल कमिश्नर पृथ्वीराज ने इंडिया टुडे को बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि STP का ट्रीटेड वॉटर नदी के सर्फेस में नहीं पहुंचा है, और सीवेज पाइपलाइन की जांच चल रही है.
नाइक द्वीप के पास मिलती हैं मुला और मुठा नदियां
पर्यावरण के लिए काम करने वाले सारंग यादवडकर बताते हैं कि मीडिया में चल रही तस्वीरें नाइक द्वीप के पास के क्षेत्र की हैं, जहां मुला और मुठा नदियां मिलती हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जबकि नगर निगम ने पानी के सैंपल इकट्ठा किए हैं, अधिकारी अभी तक यह निर्धारित नहीं कर पाए हैं कि किस नदी में पॉल्यूटेड एलिमेंट्स हैं.
दोनों नदियों में अलग-अलग वेस्ट्स
यादवडकर ने बताया कि मुठा नदी में खासतौर से सिर्फ डोमेस्टिक सीवेज हैं, लेकिन अगर बात करें मुला नदी की तो इनमें इंडस्ट्रियल वेस्ट्स से भारी प्रदूषित है, जिसमें खतरनाक एलिमेंट्स होते हैं. उन्होंने इंडिया टुडे को बताया कि MPCB पर आवश्यक कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.
यह भी पढ़ें: Pune Dumper Accident: पुणे में दर्दनाक हादसा, फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर चढ़ा डंपर; 3 ने मौके पर ही तोड़ा दम
मसलन, पुणे में तीव्र शहरीकरण शहर की नदियों पर काफी दबाव डाल रहा है. हालांकि, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थापित नियमों का पालन न करने से स्थिति और खराब हो गई है.
ओमकार