बीजेपी और शिंदे गुट में बढ़ा तनाव? फडणवीस की शिवसेना को नसीहत- गठबंधन धर्म का पालन करें

महाराष्ट्र में BJP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के रिश्तों में अचानक खिंचाव आ गया है. कैबिनेट मीटिंग में कई शिवसेना मंत्रियों की गैरहाजिरी से बायकॉट की चर्चा तेज हुई, जिसके बाद शिंदे गुट ने BJP पर 'पोचिंग' के आरोप लगाए. फडणवीस ने जवाब में दोनों दलों को अनुशासन की कड़ी चेतावनी दी. विपक्ष ने विवाद को लेकर हमला तेज कर दिया है.

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कैबिनेट मीटिंग में शिंदे गुट के कुछ मंत्री नहीं पहुंचे थे, जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. (File photo) कैबिनेट मीटिंग में शिंदे गुट के कुछ मंत्री नहीं पहुंचे थे, जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. (File photo)

ऋत्विक भालेकर

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक तापमान बढ़ गया, जब कैबिनेट बैठक में एकनाथ शिंदे नेतृत्व वाली शिवसेना के कई मंत्री गैरमौजूद रहे. इस गैरहाजिरी ने तुरंत बायकॉट की अटकलों को हवा दे दी. हालांकि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे बैठक में मौजूद थे, लेकिन बैठक के बाद शिवसेना मंत्रियों ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर अपनी नाराजगी साफ-साफ जाहिर की. उन्होंने शिवसेना और शिंदे से यह भी कहा कि सभी को गठबंधन के नियमों का पालन करना चाहिए.

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शिवसेना नेताओं ने आरोप लगाया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव से पहले BJP उनके डोंबिवली क्षेत्र के स्थानीय नेताओं को 'पोच' कर रही है. यह बात शिंदे गुट को बेहद खल गई और उन्होंने इसे गठबंधन की आत्मा के खिलाफ बताया.

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लेकिन सूत्रों के मुताबिक, फडणवीस ने बैठक में बेहद सख्त लहजा अपनाया. उन्होंने साफ कहा कि राजनीतिक सेंध लगाने की शुरुआत शिवसेना ने ही की थी, "उल्हासनगर में आपने किया था, और अब उसी का जवाब मिल रहा है." उन्होंने दोनों सहयोगी दलों को चेतावनी दी कि आगे से कोई भी पोचिंग नहीं करेगा. उनके शब्दों में, "दोनों दलों को अनुशासन का पालन करना होगा."

बीजेपी ने बॉयकॉट की अफवाहों को खारिज किया

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इस बीच BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने बायकॉट की अफवाहों को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कई मंत्री स्थानीय चुनाव प्रचार के लिए गए थे, इसलिए BJP के भी कुछ मंत्री बैठक में नहीं आए. उन्होंने गठबंधन टूटने की बात को अफवाह बताते हुए कहा कि टिकट न मिलने पर कई स्थानीय नेता इधर-उधर जा रहे हैं, और इस पर पार्टी कार्रवाई करेगी.

कैबिनेट मीटिंग जनता के काम के लिए, नाराजगी के लिए नहीं!

उधर विपक्ष ने मौके का पूरा फायदा उठाया. आदित्य ठाकरे ने X पर शिंदे गुट पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "कैबिनेट मीटिंग जनता के काम के लिए होती है, व्यक्तिगत नाराजगी के लिए नहीं. यह महाराष्ट्र का अपमान है." उन्होंने शिंदे गुट को "मिंधे टोली" कहते हुए कहा कि सीटों के बंटवारे और पोचिंग को लेकर इनका असली चेहरा सामने आ गया है.

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकल बॉडी चुनावों के करीब आते ही यह तनाव और बढ़ सकता है. हालांकि BJP और शिंदे गुट सार्वजनिक रूप से "गठबंधन मजबूत" कह रहे हैं, लेकिन अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है.

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