कभी लंदन में आलीशान बंगले में रहने वाली एक भारतीय मूल की फैमिली आज पुणे में किराए के छोटे से घर में जिंदगी गुजार रही है. वजह - एक चमत्कारिक इलाज के नाम पर हुई करीब 14 करोड़ की धोखाधड़ी. एक ऐसी महिला, जिसने खुद को दिव्य शक्तियों से जुड़ा बताया, उसने इस परिवार को भरोसे में लिया और बीमार बेटियों को ठीक कर देने के नाम पर उनकी पूरी संपत्ति छीन ली. पुणे में रहने वाले पीड़ित दंपत्ति ने पुलिस से शिकायत की है और कहा है कि एक महिला और उसके दो सहयोगियों ने भूत-प्रेत और दोष निवारण के नाम पर उनका सबकुछ लूट लिया.
यह सब 2018 में शुरू हुआ, जब पुणे में रह रही ये फैमिली एक भजन समारोह में शामिल होने पहुंची थी. वहीं उनकी मुलाकात दीपक खड़गे नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें वेदिका पंढरपूरकर से मिलवाया. खड़गे ने वेदिका को लेकर दावा किया कि उसके अंदर खुद दिव्य आत्मा प्रवेश करती है और वह दैवीय उपचार करती है. शुरुआत में यह सब अजीब जरूर लगा, लेकिन जब वेदिका ने बड़ी आत्मीयता से बात की, परिवार की परेशानियों को सुना और चमत्कार वाले उपाय करने का सुझाव दिया, तो कपल का विश्वास बढ़ गया.
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इस परिवार में दो बेटियां हैं, एक को ऑटिज्म था और दूसरी को अलोपीशिया (बाल झड़ने की समस्या). वेदिका ने दावा किया कि वह अपनी दिव्य शक्तियों के माध्यम से दोनों बेटियों को ठीक कर सकती है, लेकिन इसके लिए परिवार को अपने घरों और धन से जुड़े नकारात्मक दोष को मिटाना होगा.
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वेदिका और उसके साथी खड़गे ने परिवार से धीरे-धीरे उनकी संपत्तियों, इनवेस्टमेंट और बैंक डिटेल्स की जानकारी हासिल की. पहले उन्होंने कहा कि उनकी एफडी (Fixed Deposits) और एलआईसी पॉलिसी में दोष है- अगर ये आपके नाम पर रहे, तो बच्चियां ठीक नहीं होंगी.
धीरे-धीरे कपल ने वेदिका के कहने पर अपने कई इनवेस्टमेंट तोड़ दिए और रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी. इसके बाद वेदिका ने कहा कि पुणे के जिस घर में यह परिवार रह रहा था, उसमें भूत और अशुभ आत्माएं हैं, जो बेटियों की बीमारी की जड़ हैं. वेदिका ने उन्हें समझाया कि उस घर को बेचना जरूरी है और बिक्री से प्राप्त रकम उसके खाते में रखी जानी चाहिए, ताकि दोष निवारण हो सके.
लंदन का बंगला भी बेच दिया
ठगी यहीं नहीं रुकी. वेदिका ने परिवार को यह भी समझा दिया कि उनकी लंदन की प्रॉपर्टी भी नकारात्मक है, क्योंकि वहीं उनकी एक बेटी का जन्म हुआ था और वहीं से असर शुरू हुआ. वेदिका ने कहा कि उस घर में बुरे प्रभाव हैं, और जब तक आप उसे बेचकर पैसा नहीं लाते, आपकी बेटियां ठीक नहीं होंगी. कपल ने अपनी लंदन स्थित करोड़ों की कीमत वाली संपत्ति भी बेच दी और उसकी रकम वेदिका के खाते में ट्रांसफर कर दी.
लोन लेकर भी पैसे दिए
जब परिवार के पास कैश खत्म हो गया तो वेदिका ने उन्हें नया रास्ता सुझाया कि आपके नाम पर दोष है, इसलिए लोन मेरे नाम पर लो, तभी ग्रहदोष खत्म होगा. परिवार ने लगभग 1.77 करोड़ रुपये का लोन लेकर वह रकम भी वेदिका के खाते में जमा कर दी. इस बीच, वेदिका का पुणे के कोथरूड इलाके में बंगला और संपत्ति बढ़ती गई, जबकि पीड़ित परिवार अब किराए के मकान में रह रहा है.
पांच साल तक चला धोखे का खेल
साल 2018 से लेकर 2023 तक यह परिवार वेदिका और उसके साथियों के संपर्क में रहा. हर महीने दरबार लगता, जिसमें वेदिका खुद को दैवीय शक्तियों का माध्यम बताकर भक्तों के सवालों का जवाब देती. पूर्णिमा, जयंती और अन्य अवसरों पर दिव्य आयोजन किए जाते, जहां लोगों के कर्म दोष मिटाने का दावा करती थी. पीड़ित परिवार उन आयोजनों में शामिल रहता और हर बार उन्हें कहा जाता कि थोड़ा और समय दो, इलाज पूरा हो जाएगा.
जब सच्चाई समझ में आई...
करीब एक साल पहले परिवार को एहसास हुआ कि कुछ तो गलत हो रहा है. बेटियों की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, और जो धन दोष निवारण के नाम पर दिया गया था, उसका कोई हिसाब नहीं मिला. महिला ने परिवार को डरा रखा था कि अगर उन्होंने यह बात किसी को बताई, तो उनके साथ बड़ी अनहोनी होगी. लेकिन जब घर बेचकर किराए के कमरे में रहना शुरू हुआ और खर्च चलाना मुश्किल हो गया, तो इस पीड़ित फैमिली ने पुलिस की मदद लेने का फैसला किया.
फिलहाल पीड़ित शख्स पुणे के पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत लेकर पहुंचा है. शिकायत में परिवार ने आरोप लगाया है कि वेदिका पंढरपूरकर, उसका पति और दीपक खड़गे नाम के व्यक्ति ने भूत-प्रेत और चमत्कारिक उपचार के नाम पर लगभग 14 करोड़ रुपये ठगे हैं.
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पीड़ित फैमिली के वकील विजय सिंह ठोमरे ने कहा कि यह मामला सिर्फ ठगी का नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक शोषण का भी है. महिला ने इस परिवार के विश्वास, बच्चों की बीमारी और माता-पिता के प्रेम का फायदा उठाया. हमारा लक्ष्य इस ठगी की पूरी रकम रिकवर कराना है. उन्होंने आगे कहा कि इस परिवार की एक बेटी विशेष चाइल्ड है, जिसका इलाज काफी महंगा है, लगभग 50,000 रुपये महीने का खर्च आता है. ऐसे में जब उनकी सारी संपत्ति छिन गई, तो परिवार अब आर्थिक संकट में है.
शिकायत के अनुसार, अब वही महिला पुणे के महंगे इलाके कोथरूड के महात्मा सोसाइटी में आठ से नौ करोड़ रुपये के बंगले में रहती है. जबकि कभी वह खुद किराए के घर में रहती थी. वकील का कहना है कि हालात उलट गए हैं. ठग आज करोड़ों के घर में रह रही है, जबकि पीड़ित परिवार किराए के मकान में है. यह सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि इंसानियत और भरोसे की हत्या है.
पीड़ित परिवार की महिला ने कहा कि हमें डराया गया था कि अगर हम कुछ कहेंगे तो हमारी बेटियों को नुकसान होगा. लेकिन हमने सोचा कि डर के जीना अब और नहीं. किसी को तो बोलना होगा कि वेदिका जैसी ठग लोगों की जिंदगी कैसे बर्बाद कर रही हैं. लंदन के बंगले से पुणे के किराए के घर तक पहुंची इस फैमिली ने अपना धन तो खोया ही, ठगों के जाल में फंसकर उनके विश्वास को भी गहरी ठेस पहुंची.
ओमकार