मुंबई: 2 हजार करोड़ की गड़बड़ी कैसे हुई? इंडसइंड बैंक के पूर्व डिप्टी सीईओ से EOW ने की पूछताछ

ईओडब्ल्यू ने बैंक में कथित सैंकड़ों करोड़ की अकाउंटिंग लापरवाही की जांच शुरू की थी और पिछले कुछ दिनों में कई बैंक कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. सोमवार को पूर्व सीएफओ गोबिंद जैन ने भी ईओडब्ल्यू जांच टीम के सामने बयान दर्ज कराया. इंडसइंड बैंक ने अपने डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में लापरवाही की जानकारी दी थी, जो बाद में इसके माइक्रोफाइनेंस बिजनेस तक फैल गई.

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EOW ने अब तक बैंक के 7-8 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं. (Photo- ITG) EOW ने अब तक बैंक के 7-8 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं. (Photo- ITG)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने इंडसइंड बैंक में लगभग 2000 करोड़ रुपये की कथित अकाउंटिंग लापरवाही की जांच के तहत मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना से पूछताछ की. पुलिस द्वारा जारी समन के अनुसार खुराना ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचे और करीब दो घंटे तक बयान दर्ज कराने के लिए मौजूद रहे. हालांकि पूछताछ के दौरान उन्होंने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

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दरअसल, ईओडब्ल्यू ने बैंक में कथित सैंकड़ों करोड़ की अकाउंटिंग लापरवाही की जांच शुरू की थी और पिछले कुछ दिनों में कई बैंक कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. सोमवार को पूर्व सीएफओ गोबिंद जैन ने भी ईओडब्ल्यू जांच टीम के सामने बयान दर्ज कराया.

इंडसइंड बैंक ने अपने डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में लापरवाही की जानकारी दी थी, जो बाद में इसके माइक्रोफाइनेंस बिजनेस तक फैल गई. इस खुलासे के बाद अप्रैल 2025 में सीईओ सुमंत कथपलिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने पद से इस्तीफा दे दिया.

अब तक बैंक के 8 कर्मचारियों के बयान दर्ज

EOW ने अब तक बैंक के 7-8 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं. इसके बाद पूर्व सीईओ सुमंत कथपलिया, डिप्टी सीईओ अरुण खुराना और पूर्व सीएफओ गोबिंद जैन को बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किए गए.

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खुराना को शनिवार को फिर से ईओडब्ल्यू कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. वहीं, पूर्व सीईओ सुमंत कथपलिया को भी जांच में बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा गया है.

गोबिंद जैन ने पहले बैंक के ट्रेजरी संचालन में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जो पिछले लगभग एक दशक से चल रही हैं. जैन ने 26 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में बैंक की ट्रेजरी ऑपरेशंस में गंभीर अनियमितताओं की जानकारी दी थी.

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