राजनीति में अक्सर पिता अपने बेटे के लिए टिकट दिलाने की जद्दोजहद करते दिखते हैं, लेकिन मुंबई महानगर पालिका चुनाव में एक अनोखी तस्वीर सामने आई है. यहां पिता–पुत्र की जोड़ी आमने-सामने नहीं, बल्कि अलग-अलग वार्डों से और विरोधी राजनीतिक गुटों की ओर से चुनावी मैदान में है.
वार्ड क्रमांक 138 से डॉ. अमोल आंबेकर शिवसेना के शिंदे गुट की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके पिता वार्ड क्रमांक 137 से शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार हैं. डॉ. अमोल आंबेकर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं और उन्हें अपने वार्ड में कड़ी टक्कर मिल रही है.
आज नामांकन के आखिरी दिन डॉ. अमोल आंबेकर ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि घर का माहौल राजनीति से प्रभावित नहीं है. उन्होंने कहा, “हर किसी की अपनी विचारधारा होती है. पिताजी की सोच उनसे जुड़ी है, मेरी सोच माननीय एकनाथ शिंदे जी से जुड़ी है. मुझे उनके और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे जी के काम करने का तरीका पसंद है, इसलिए मैं उसी रास्ते पर हूं.”
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चुनावी मुकाबले को लेकर पूछे गए सवाल पर अमोल आंबेकर ने कहा कि वार्ड में मुकाबला जरूर कठिन है, लेकिन वह इसे एक चुनौती की तरह लेते हैं. उन्होंने कहा, “जैसे कठिन एग्ज़ाम में पास होकर टॉप करना ज्यादा सुकून देता है, वैसे ही कड़ी लड़ाई जीतने का मजा अलग होता है. मैं डॉक्टर हूं, शिक्षित हूं और कठिन हालात को सुलझाने में विश्वास रखता हूं.”
आपको बता दें कि मुंबई महानगर पालिका चुनाव में अलग-अलग गठबंधन और दलों के उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है, और पिता–पुत्र की यह सियासी कहानी चुनावी रंग को और गहरा कर रही है.
दीपेश त्रिपाठी