महाराष्ट्र में महाटेंशन! क्या शिंदे ही बन गए हैं महायुति सरकार के गठन में बाधा?

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आए 10 दिन होने को हैं. महायुति को प्रचंड जनादेश मिला है और इसके बावजूद नई सरकार का गठन अभी नहीं हो सका है. क्या कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही बाधा बन गए हैं?

Advertisement
शिवसेना नेता और कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना नेता और कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे

अभिजीत करंडे

  • मुंबई,
  • 02 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 10 दिन होने को है और सरकार गठन तो छोड़िए, मुख्यमंत्री कौन होगा ये ऐलान तक नहीं हो सका है. मुंबई से दिल्ली तक मैराथन बैठकों के दौर के बाद यह बात तो तय हो चुकी है कि मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से ही होगा लेकिन कौन होगा? ये अभी तक तय नहीं है. अब बात इसे लेकर भी हो रही है कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन में क्या कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही बाधा बन रहे हैं?

Advertisement

सीएम शिंदे को लेकर शुरू हुई यह बहस निराधार भी नहीं है. हाल ही में सीएम शिंदे के साथ ही उनकी अगुवाई वाली पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रहे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था. एकनाथ शिंदे, फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली पहुंचकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. अमित शाह के आवास पर तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद तीनों ही नेता उसी रात मुंबई लौट आए थे. मुंबई में महायुति नेताओं की बैठक होनी थी लेकिन एकनाथ शिंदे सतारा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव चले गए और दो दिन वहीं रहे. इसकी वजह से महायुति नेताओं की बैठक में देरी हुई.

एकनाथ शिंदे एक दिन पहले ही शाम को ही सतारा से मुंबई लौटे लेकिन वे मुख्यमंत्री आवास वर्षा नहीं गए. वर्षा जाने की जगह शिंदे ठाणे में रुके. शिंदे की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उनको थ्रोट इंफेक्शन है. एकनाथ शिंदे ने बीमारी का हवाला देते हुए 2 दिसंबर को निर्धारित सारे कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. दूसरी तरफ, शिंदे गुट के नेता गृह और अन्य भारी-भरकम विभाग की मांग को लेकर लगातार बैटिंग कर रहे हैं. कुछ नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि उन्हें वे सारे विभाग दिए जाने चाहिए जो पिछले ढाई साल से उनके पास थे. इसका सीधा मतलब है कि शिंदे गुट दबाव की राजनीति कर रहा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'महाराष्ट्र के CM का नाम तय, BJP शीर्ष नेतृत्व की मुहर लगने का इंतजार', पूर्व केंद्रीय मंत्री का दावा

एक तरफ महायुति की बैठक में देरी हो रही है जिसमें गृह, शहरी विकास और राजस्व जैसे विभागों के बंटवारे पर बात होनी है और दूसरी तरफ शिंदे गुट सभी महत्वपूर्ण विभाग अपने पाले में रखने के लिए दबाव बना रहा है. बीजेपी ने इन सबके बीच सीएम का ऐलान भले ही न किया हो, शपथग्रहण की तारीख का ऐलान कर यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि सीएम उसका ही होगा, महायुति की ओर से नहीं. महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का शपथग्रहण 5 दिसंबर को शाम 5 बजे आजाद मैदान में होना है.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण... तारीख तय कर BJP ने एकनाथ शिंदे को क्या मैसेज दिया?

हालांकि, एकनाथ शिंदे गुट का तर्क है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक अभी नहीं हुई है जिसके बाद उनकी ओर से मुख्यमंत्री फेस का ऐलान किया जाना है. महायुति नेताओं की बैठक में जो फैसला होगा, उस पर भी गृह मंत्री अमित शाह से अप्रूवल लेना होगा. इसलिए भी कहा जा रहा है कि हर प्रक्रिया स्टैंडबाई मोड में है क्योंकि शिंदे की वजह से मीटिंग नहीं हो पा रही है. इसके पीछे स्वास्थ्य कारण ही हैं या राजनीतिक, ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि शिंदे गुट के नेता लगातार अपनी मांगों के जरिये दबाव बनाए हुए हैं.

Advertisement

महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के बीच अजित पवार दिल्ली जा रहे हैं. अजित के साथ प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के भी दिल्ली जाने की चर्चा है. अजित और एनसीपी के अन्य नेता गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement