महाराष्ट्र में बजट सत्र से पहले पुरानी पेंशन योजना होगी बहाल? अजित पवार बोले- वरिष्ठ अधिकारियों से करेंगे बात

महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग करने वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि आगामी बजट सत्र से पहले इस पर फैसला ले लिया जाएगा. कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए गठित एक समिति की रिपोर्ट मिल गई है, जिसपर अब वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे.

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महाराष्ट्र में जल्द होगा OPS पर फैसला? (फाइल फोटो) महाराष्ट्र में जल्द होगा OPS पर फैसला? (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नागपुर,
  • 14 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों को आश्वासन दिया है और कहा कि आगामी बजट सत्र से पहले इस पर फैसला ले लिया जाएगा. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को दी है.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग करने वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई है और सरकार को मांग पर विचार करने के लिए गठित एक समिति की रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कर्मचारी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे.

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केंद्र की रिपोर्ट की भी करेंगे जांच

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने भी एक समिति बनाई है. हालांकि, हम उनकी रिपोर्ट की भी जांच करेंगे. हमने ओपीएस की मांग करने वाले प्रतिनिधियों को बुधवार को बताया कि महायुति गठबंधन सरकार विधानसभा चुनाव से पहले सही फैसला लेगी, लेकिन वह चाहते थे कि इस मांग पर जल्द-से-जल्द फैसला लिया जाए. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अगले साल यानी 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में डराने वाली है किसानों की हालत, 10 महीने में दो हजार से ज्यादा किसानों ने दे दी जान

2005 में हुआ था बदलाव

महाराष्ट्र में कई सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं, जिसे 2005 में राज्य में बंद कर दिया गया था. ओपीएस के तहत एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती है.

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अब नई पेंशन योजना के तहत एक राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान देता है. फिर पैसा पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा अनुमोदित कई पेंशन फंडों में से एक में निवेश किया जाता है और रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है.

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