महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (MMRCL) और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के बीच हुए एक सौदे को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस का कहना है कि इस सौदे के दौरान करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है. कांग्रेस ने कोर्ट जाने की भी धमकी दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने प्रेस वार्ता कर कहा कि 2015 में राज्य सरकार ने मेट्रो 3 प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन लेने से पहले राजनीतिक दलों के दफ्तरों को पुनर्स्थापित किया था, जो कि अब तक पूरा नहीं किया गया.
सचिन सावंत ने कहा कि दशकों से इस प्लॉट पर दशकों से गांधी भवन, कांग्रेस कार्यालय मौजूद था. साथ ही अन्य राजनीतिक दलों के दफ्तर मौजूद थे. सौदे के राज्य सरकार ने एक सरकारी संकल्प (GR) के जरिए मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और MMRCL को निर्देश दिया था कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद राजनीतिक दलों के नए दफ्तर बनाकर सौंपेंगे. लेकिन 21 अक्टबूर को लिए गए संकल्प को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है.
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सौदे की वजह से राज्य को 1800 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ. नरीमन पॉइंट में 4.16 एकड़ ज़मीन की उस समय की क़ीमत क़रीब लगभग 5200 करोड़ रुपये थी. लेकिन सौदा 3472 करोड़ रुपये में किया गया.
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MMRCL ने अपनी सफाई में कहा है कि यह जमीन हमेशा सरकार की थी और जो राजनीतिक कार्यालय वहां थे, वे अस्थायी थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह सौदा सरकार की मंजूरी से हुआ.
कांग्रेस ने MMRCL और RBI के बीच हुए इस सौदे को हठधर्मी और धोखाधड़ी बताया है. कांग्रेस ने धमकी दी है कि अगर कांग्रेस का दफ्तर उन्हें उसी ज़मीन पर बनाकर नहीं दिया जाता है तो वह कोर्ट जाएंगे.
मुस्तफा शेख