महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. बीते चार दिनों में बाघ के हमले से दो लोगों की मौत हो चुकी है. ताजा घटना 8 सितंबर की सुबह मूल तहसील के सोमनाथ क्षेत्र में हुई. यहां 52 वर्षीय अन्नपूर्णा तुलसीराम बिलोने अपने पति के साथ दैनिक कामों में व्यस्त थीं.
अचानक झाड़ियों से निकले बाघ ने महिला पर हमला कर दिया. पति तुलसीराम ने बहादुरी दिखाते हुए लाठी से बाघ पर वार किए, लेकिन पत्नी को उसके जबड़ों से छुड़ाने में सफल नहीं हो सके. बाघ महिला को करीब 50 मीटर घसीट ले गया और शव छोड़कर जंगल की ओर भाग गया. मौके पर ही अन्नपूर्णा की मौत हो गई. यह दंपति बाबा आमटे के आश्रम में रहते थे और दोनों कुष्ठ रोगी थे.
बाघ के हमले से दो लोगों की मौत
वन विभाग ने परिजनों को तत्काल 20 हजार रुपये की मदद दी है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है. रेंज फारेस्ट ऑफिसर रामचंद्र शेंडे ने बताया कि परिसर में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं और बाघ को पकड़ने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है.
इससे पहले 4 सितंबर को सावली तहसील के पाथरी गांव में 74 वर्षीय पांडुरंग भिकाजी चाचणे पर बाघ ने हमला कर उनकी जान ले ली थी. खेत में काम करते समय हुई इस घटना से ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया था. इसके बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 7 सितंबर को इस क्षेत्र में आतंक मचा रही एक बाघिन को ट्रैंक्यूलाइज कर पिंजरे में बंद किया.
बाघ को पकड़ने में जुटा वन विभाग
बता दें, इस वर्ष जिले में वन्य प्राणियों के हमलों में अब तक 29 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 27 लोग बाघ के शिकार बने हैं. चंद्रपुर के ताडोबा टाइगर रिजर्व और आसपास के जंगलों में करीब 200 से अधिक बाघ हैं, जिससे रिहायशी इलाकों पर खतरा बढ़ता जा रहा है.
विकास राजूरकर