महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख अजित पवार को बेनामी संपत्ति मामले में बड़ी राहत देते हुए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांज़ैक्शन अपीलेट ट्रिब्यूनल (बेनामी संपत्ति अपीलीय न्यायाधिकरण) ने शुक्रवार को उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों क्लीन चिट दे दी. इसके बाद आयकर विभाग ने 2021 में जब्त की गई उनकी 1000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को रिलीज कर दिया.
अजित पवार को मिली इस राहत पर विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं. शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा, 'अजित पवार को तो क्लीन चिट मिलनी ही थी. उनकी 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त हुई थी. बीजेपी ने प्रफुल्ल पटेल के ऊपर तो दाउद इब्राहिम के साथ जोड़ का आरोप लगाया था. अब दोनों बीजेपी के साथ हैं तो सारे दाग साफ हो गए. बीजेपी की वॉशिंग मशीन में धुल गए दोनों. संसद में 50 हजार रुपये मिल गए तो हंगामा हो गया. लेकिन 1 हजार करोड़ रुपये माफ कर दिए गए तो कोई हंगामा नहीं.'
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'बीजेपी का मकान ही ऐसा है कि जो उनके घर में जाता है क्लीन हो जाता है. जो उनके घर में नहीं जाता है तो उनके कपड़ों में दाग दिखते हैं. बीजेपी का मकान दाग धोने की जगह है.' शिवसेना यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'अब वह ऐसे दल के साथ है जहां CBI, ED, IT सब उनके साथ हैं. वॉशिंग मशीन में धुल गए हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार से चक्की पिसवाएंगे. लेकिन आज साथ-साथ बैठे हैं.'
वहीं एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने अजित पवार का बचाव करते हुए कहा, 'विपक्ष कुछ भी कह सकता है. लेकिन फैसला तो कोर्ट ने दिया है.' अजित पवार ने विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा, 'मैं भाजपा के साथ कब गया हूं? डेढ़ साल हो गए. उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं सभी सच हैं, ये मानना पड़ेगा ऐसा नहीं है. कोर्ट ने मेरे पक्ष में फैसला दिया है. सभी को अपील करने का अधिकार है.'
अजित पवार एंड फैमिली के खिलाफ क्या था मामला?
अजित पवार के खिलाफ यह मामला 7 अक्टूबर, 2021 का है, जब आयकर विभाग ने कई कंपनियों पर छापे मारे, जिसमें कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए, जो कथित तौर पर बेनामी स्वामित्व वाली कुछ संपत्तियों को अजित पवार और उनके परिवार से जोड़ते थे. हालांकि, न्यायाधिकरण ने इन दावों को यह कहते करते हुए खारिज कर दिया कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा और बेटे पार्थ पवार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत पाटिल ने ट्रिब्यूनल के समक्ष तर्क दिया कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.
प्रशांत पाटिल ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम का हवाला देते हुए ट्रिब्यूनल के समक्ष दलीलें रखीं कि पवार परिवार निर्दोष है और उन्हें बिना किसी सबूत के कार्यवाही में नहीं घसीटा जा सकता. 5 नवंबर, 2024 को न्यायाधिकरण ने आयकर विभाग द्वारा दायर एक अपील को खारिज करके अपने रुख की पुष्टि की, जिससे उसका पिछला फैसला बरकरार रहा. इस फैसले से आयकर अधिकारियों द्वारा पहले जब्त की गई संपत्तियों को मुक्त कर दिया गया है. जब्त की गई संपत्तियों में महाराष्ट्र के सतारा में जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री, मुंबई में एक परिसर, दिल्ली में एक फ्लैट, गोवा में एक रिसॉर्ट और महाराष्ट्र में 27 अलग-अलग जगहों पर भूखंड शामिल थे.
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