'जांच जारी है, सच्चाई जल्द सामने आएगी', बेटे की कंपनी से जुड़े जमीन सौदे पर बोले अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में अपने बेटे की कंपनी से जुड़े सरकारी जमीन सौदे पर कहा कि मामले की जांच शुरू हो गई है और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी. उन्होंने सवाल उठाया कि बिना किसी लेनदेन के दस्तावेज कैसे रजिस्टर्ड हुए. पवार ने कहा कि उनके बेटे पार्थ को पता नहीं था कि खरीदी गई जमीन सरकारी थी, और उनकी फर्म ने सौदा रद्द कर दिया है, हालांकि इसके लिए उन्हें 42 करोड़ रुपये का शुल्क देना होगा.

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अजित पवार ने पुराने आरोपों का जिक्र किया. (File Photo: ITG) अजित पवार ने पुराने आरोपों का जिक्र किया. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • बारामती (पुणे),
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख अजित पवार ने पुणे में अपने बेटे की कंपनी से जुड़े एक कथित अवैध सरकारी जमीन बिक्री मामले पर रविवार को बात की. उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सच्चाई जल्द ही जनता के सामने आएगी.

पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके करीबी सहयोगी या रिश्तेदार उनके नाम का इस्तेमाल करके नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो अधिकारियों को उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

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क्या है पूरा मामला?
पुणे के पॉश मुंडवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन को 300 करोड़ रुपये में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की पार्टनरशिप वाली एक कंपनी को बेचे जाने पर सवाल उठाए गए हैं. इस मामले में दो एफआईआर (FIR) दर्ज की गई हैं, हालांकि पार्थ पवार का नाम इनमें शामिल नहीं है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा था कि पुणे जमीन सौदे मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है और किसी को भी बचाने का सवाल नहीं है.

बिना लेनदेन दस्तावेज कैसे हुआ रजिस्टर्ड?
जमीन सौदे के मुद्दे पर पूछे जाने पर अजित पवार ने रविवार को कहा, "मैंने पिछले कुछ दिनों से चल रहे विभिन्न मुद्दों पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. जांच शुरू हो गई है और सच्चाई जल्द ही जनता के सामने आएगी."

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उन्होंने आगे कहा, "मुझे अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि एक रुपये का भी लेनदेन किए बिना कोई दस्तावेज़ कैसे रजिस्टर्ड हो सकता है? हमें एक महीने के भीतर पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति ने यह रजिस्ट्रेशन कराया है, उसने ऐसा क्यों किया." एनसीपी नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने ही जांच समिति नियुक्त की है.

पुराने आरोपों का किया जिक्र
अजित पवार ने कहा, "पहले भी मेरे खिलाफ 70,000 करोड़ रुपये की (अनियमितताओं) के आरोप लगाए गए थे, इसे 15 से 16 साल हो चुके हैं. जब भी चुनाव होते हैं, हम पर कई आरोप लगते हैं."

उन्होंने जोर देकर कहा, "हम पारदर्शी तरीके से काम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे ही हम ऐसा करते हैं, लोग मनमाने जमीन सौदों की खुदाई शुरू कर देते हैं और आरोप लगाते हैं."

अजित पवार ने घोषणा की है कि उनके बेटे पार्थ की फर्म द्वारा किए गए प्रमुख भूमि सौदे को रद्द कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि लेनदेन रद्द कराने के लिए कंपनी को दोगुना स्टाम्प शुल्क (जो 42 करोड़ रुपये बनता है) चुकाना होगा.

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