'पुलिस और कानून का सम्मान करता हूं', वायरल वीडियो में महिला अधिकारी को फटकार लगाने पर अजित पवार की सफाई

सोलापुर में अवैध मुर्रम खनन पर कार्रवाई के दौरान महिला आईपीएस से सख़्त लहजे में बातचीत का अजित पवार का वीडियो वायरल हो गया है. इस मामले में अजित पवार ने सफाई दी कि वे पुलिस और कानून का सम्मान करते हैं और स्थिति शांत रखना चाहते थे. एनसीपी और रामदास अठावले ने उनका बचाव किया.

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अजित पवार ने कहा कि वह पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं (Photo: ITG) अजित पवार ने कहा कि वह पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं (Photo: ITG)

अभिजीत करंडे / ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 05 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और NCP नेता अजित पवार उस समय विवादों में घिर गए जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वे कथित तौर पर एक महिला आईपीएस अधिकारी पर सोलापुर के एक गांव में अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए दबाव डाल रहे थे. अजित पवार ने X पर एक पोस्ट में वायरल क्लिप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह पुलिस और अधिकारियों का सम्मान करते हैं और उनका मकसद कानून में दखल देना नहीं, बल्कि स्थिति को शांत रखना था.

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अजित पवार ने कहा कि वे पुलिसबल और अधिकारियों, खासकर महिला अधिकारियों का बहुत सम्मान करते हैं, जो साहस और समर्पण से काम करती हैं. उन्होंने दावा किया कि वे कानून के शासन को सबसे ऊपर मानते हैं और पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं. अजित पवार ने कहा कि रेत खनन जैसी अवैध गतिविधियों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. 

यह मामला दो दिन पहले सोलापुर के कुर्दु गांव का है, जहां SDPO अंजना कृष्णा अवैध मुर्रम उत्खनन की शिकायतों पर कार्रवाई करने पहुंची थीं.

सोलापुर के कुर्दु गांव में अवैध मुर्रम खनन पर कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों की अधिकारियों से झड़प हो गई थी. स्थिति बढ़ने पर स्थानीय एनसीपी कार्यकर्ताओं को दखल देना पड़ा. इसी दौरान पार्टी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार को फोन किया और फोन आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को पकड़ा दिया. वायरल वीडियो में अजित पवार उनसे बात करते सुनाई देते हैं. बातचीत के दौरान अंजना कृष्णा ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि वे वास्तव में उपमुख्यमंत्री से बात कर रही हैं और उनसे सीधे उनके मोबाइल नंबर पर कॉल करने को कहा.

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वीडियो में दिख रहा है कि जब आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा ने अजित पवार से सीधे अपने नंबर पर कॉल करने को कहा तो अजित पवार नाराज़ हो गए. उन्होंने सख्त लहजे में जवाब देते हुए कहा कि एक मिनट, मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा. मैं खुद तुमसे बात कर रहा हूं और तुम मुझे सीधे फ़ोन करने के लिए कह रही हो. मेरा नंबर लो और व्हाट्सएप कॉल करो. इतनी हिम्मत कैसे हुई है? 

इसके बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें वीडियो कॉल किया. कॉल पर उन्होंने सख़्त लहजे में कार्रवाई रोकने को कहा. इस पर आईपीएस अंजना कृष्णा ने सफाई दी कि उन्हें पता ही नहीं था कि वे अजित पवार से बात कर रही हैं. इसके बाद अजित पवार ने उनसे पूछा कि क्या वह उन्हें चेहरे से पहचानती हैं.

इस घटना के बाद एनसीपी ने अजित पवार के बचाव में कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि अजित पवार ने केवल कार्यकर्ताओं को शांत कराने के लिए आईपीएस अधिकारी से कड़े शब्दों में बात की होगी, उनका उद्देश्य कार्रवाई रोकना नहीं था. तटकरे ने यह भी साफ किया कि अजित पवार कभी अवैध गतिविधियों का समर्थन नहीं करते.

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पार्टी प्रवक्ता आनंद परांजपे ने कहा कि वायरल वीडियो को ग़लत तरीके से पेश किया जा रहा है. उनके मुताबिक अजित पवार ने केवल कार्यकर्ताओं की शिकायत सुनकर स्थिति संभालने की कोशिश की थी. 

वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी अजित पवार के समर्थन में आए. उन्होंने कहा कि अजित मज़बूत नेता और अच्छे प्रशासक हैं, उन्होंने अपनी गलती मान ली है, इसलिए इसे विवाद नहीं बनाया जाना चाहिए.

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