राहुल गांधी की तर्ज पर शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र वर्ली में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर प्रेजेंटेशन दी. उन्होंने दावा किया कि उन्हें 19,333 नामों में अनियमितताएं मिली हैं.
आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि 1995 से 2021 के बीच जिन मतदाताओं की मौत हो चुकी है, वो अभी भी मतदाता सूची में जिंदा दिखाए गए हैं. एक छोटा-सा कमरा जिसमें 3-4 लोग ही रह सकते हैं, उस पते पर 38 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं. हमारी जांच में पता चला कि वहां ऐसे कोई लोग रहते ही नहीं हैं.
ऊंची इमारतों में नामों में गड़बड़ी
ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि वर्ली के कई हिस्सों खासकर ऊंची इमारतों में नामों में मिडल नेम और सरनेम को लेकर गड़बड़ियां मिली हैं. अंबेडकर नगर वर्ली में एक ही घर पर 38 मतदाताओं के नाम दिखाए गए हैं. वहां रहने वाली किरायेदार उमा सिंह ने बताया कि ये घर प्रभा मिसाल का है और पिछले 20 साल से किराए पर है. यहां सिर्फ चार लोग रहते हैं. 38 नाम दिखाना गलत है, इसे सुधारा जाना चाहिए.
वहीं, कालसेकर चॉल में मृत लोगों के नाम अब भी सूची में हैं. स्थानीय निवासी बाला राऊत ने कहा कि हमारी कॉलोनी में कई ऐसे नाम हैं जो अब नहीं रहते या गुजर चुके हैं. मेरा भाई 10 साल पहले विरार चला गया, फिर भी उसका नाम लिस्ट में है. बार-बार आवेदन देने के बाद भी नाम नहीं हटते, जबकि नए वोटर जुड़ नहीं रहे. चुनाव आयोग के अस्थायी स्टाफ ढंग से जांच नहीं करते. आयोग को फुल-टाइम स्टाफ रखना चाहिए.
शिवसेना यूबीटी शाखा प्रमुख दीपक बागवे ने कहा कि पहले फर्जी वोटर दिखते थे, अब सूची में असंगतियां भरी पड़ी हैं. जब फाइनल लिस्ट बन जाती है, तब हम किसी को वोट डालने से नहीं रोक सकते. हाईराइज बिल्डिंग्स में जांच करना मुश्किल है, इसी वजह से कई गलतियां छिप जाती हैं.
मुस्तफा शेख