करोड़पति बनने के चक्कर में युवक ने बेटिंग ऐप पर गंवाए 80 लाख रुपये, अब बैन करने की मांग

पुणे के युवक ओंकार राउत ने बेटिंग ऐप पर सात साल में 80 लाख रुपये गंवा दिए. 2018 में 100 रुपये से शुरुआत करने वाला यह गेम उसकी जिंदगी तबाह कर गया. ओंकार अब इस ऐप पर प्रतिबंध की मांग कर रहा है और कई बार उसके मन में आत्महत्या का भी ख्याल आ चुका है. अब वह युवाओं को इस जाल में फंसने से बचने की अपील कर रहा है और सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.

Advertisement
बेटिंग ऐप पर 80 लाख रुपये गंवाया (Photo: ITG) बेटिंग ऐप पर 80 लाख रुपये गंवाया (Photo: ITG)

श्रीकृष्ण पांचाल

  • पुणे,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले एक युवक ने करोड़पति बनने के चक्कर में बीते सात सालों में बेटिंग ऐप पर 80 लाख रुपये गंवा दिए. ओंकार राउत नाम के इस युवक की कहानी ऐसे लाखों युवाओं के लिए चेतावनी है जो शॉर्ट कट तरीके से अमीर बन जाना चाहते हैं.

दरअसल ओंकार ने एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर खेल की शुरुआत 2018 में की थी. शुरुआत में 100 से 150 रुपये लगाकर टीम बनाना उसका सिर्फ एक शौक था, लेकिन धीरे-धीरे यह शौक एक लत में बदल गया और सात सालों में ओंकार ने 80 लाख रुपये गंवा दिए.

Advertisement

करोड़पति बनने का सपना और बेटिंग एप

युवक हेयर सैलून चलाता था जहां से उसे अच्छी खासी आमदनी होती थी. ज्यादा पैसा कमाने की चाहत और कम समय में करोड़पति बनने का सपना उसे बेटिंग ऐप की तरफ खींच लाया. अब वह लाखों रुपये गंवा कर खुद हैरान है. ओंकार बताता है कि वह बड़ी टीमें बनाता था ताकि प्रतिस्पर्धा कम हो और जीतने की संभावना बढ़े.

80 लाख रुपये लगाया, नतीजा शून्य

एक समय ऐसा भी आया जब उसने एक बार में 2 हजार से लेकर 22 हजार रुपये तक ऐप में लगाए. कई बार जीत की उम्मीद ने उसे और अधिक पैसे लगाने को मजबूर कर दिया, लेकिन नतीजा शून्य निकला. एक करोड़ रुपये कमाने के चक्कर में वह अपनी जमा पूंजी और उधारी मिलाकर कुल 80 लाख रुपये हार चुका है.

Advertisement

ओंकार की मानसिक स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि वह कई बार आत्महत्या करने की सोचने लगा था, लेकिन अब वह इस अवसाद से बाहर निकल चुका है और इस पूरे अनुभव से सबक लेकर युवाओं को आगाह कर रहा है.

बेटिंग ऐप्स पर तुरंत रोक की मांग

ओंकार ने सरकार से अपील की है कि ऐसे ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पर तुरंत रोक लगाई जाए, क्योंकि यह ऐप्स युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहे हैं. वह कहता है कि यह ऐप जुए का नया डिजिटल रूप है, जिसमें लाखों युवा अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं. ओंकार की आपबीती उन सभी के लिए चेतावनी है जो इन ऐप्स को खेल समझकर उसमें फंस रहे हैं.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement