बाबाओं को राज्यमंत्री बनाने पर हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार से जवाब मांगा

खंडपीठ के न्यायधीश गण न्यायमूर्ति पी. के. जायसवाल, न्यायमूर्ति सुशील अवस्थी ने सरकार से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

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शिवराज चौहान (फाइल) शिवराज चौहान (फाइल)

मोहित ग्रोवर

  • भोपाल, MP,
  • 09 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार द्वारा पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. खंडपीठ के न्यायधीश गण न्यायमूर्ति पी. के. जायसवाल, न्यायमूर्ति सुशील अवस्थी ने सरकार से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

बता दें कि राज्य सरकार के इस फैसले के बाद रामबहादुर नामक व्यक्ति ने याचिका डाली थी. उस दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार ने जिन संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है, वह सभी नर्मदा आंदोलन छेड़ने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही उन्हें राज्यमंत्री बना दिया गया.

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ये बाबा बने हैं राज्यमंत्री

आपको बता दें कि बीते मंगलवार को शिवराज सरकार ने भय्यूजी महाराज समेत पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. सरकार ने 'आदेश पत्र' जारी कर इस बात की पुष्टि की थी. सरकार ने समिति के सदस्य नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबाजी, भय्यूजी महाराज और योगेंद्र महंतजी को राज्य सरकार में राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया है.

और रद्द हो गई यात्रा...

गौरतलब है कि संतों ने बीते 28 मार्च को ऐलान किया था कि वह नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालेंगे. इस दौरान वे प्रदेश के 45 जिलों में सरकार द्वारा लगाए गए 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराएंगे. लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले ही रद्द हो गई.

राहुल ने भी किया था वार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर शिवराज सरकार पर निशाना साधा था. राहुल ने कविता के अंदाज में ट्वीट किया था. राहुल ने लिखा, ''बाबा कहते थे बड़ा काम करूँगा, नर्मदा घोटाला नाकाम करूँगा, मगर यह तो, मामा ही जाने अब इनकी मंज़िल है कहाँ! मध्य प्रदेश, क़यामत से क़यामत तक''.

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