मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा इन दिनों बच्चों की जाति को लेकर आमने-सामने हैं. दरअसल, युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा के साथ जोड़ने के लिए जिस बाल कांग्रेस का गठन किया गया है उसकी सदस्यता फॉर्म में बच्चों की जाति पूछी जा रही है जिसपर अब सियासत शुरू हो गई है.
14 नवंबर को भोपाल के कांग्रेस कार्यालय में बाल कांग्रेस का गठन किया गया था. इसका मकसद 16 से 20 साल तक के ऐसे युवाओं को पार्टी से जोड़ने का है जो कांग्रेस के विचारों का समर्थन करते हैं और कांग्रेस की विचारधारा को उस उम्र के लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे जो 2023 विधानसभा चुनाव तक वोट करने का अधिकार पा लेंगे. लेकिन जिन बाल मन वाले युवाओं को बाल कांग्रेस में शामिल किया जा रहा है उनसे सदस्यता फॉर्म में जाति पूछी जा रही है. इस फॉर्म में बच्चों के नाम, पिता का नाम, उम्र के साथ-साथ जाति भी पूछी गई है.
बाल कांग्रेस के मेम्बरशिप फॉर्म में जाति पूछे जाने पर बीजेपी ने सवाल खड़े किये हैं. बीजेपी नेता और एमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इसे कांग्रेस का जातिवादी चेहरा बताया है और इसके जरिये राहुल गांधी पर निशाना साधा है.
विश्वास सारंग ने कहा कि राहुल गांधी खुद बच्चे हैं क्या जो उन्हें अपनी ही पार्टी की करतूत नहीं दिखती? जो बच्चे आगे जाकर भविष्य की नींव रखेंगे उनके मन मे जातिवाद का ज़हर घोला जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे सामान्य बताते हुए बीजेपी पर पलटवार किया है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने पूछा है कि खुद कार्यकारिणी की घोषणा करते समय भाजपा ने नेताजों की जाति क्यों पूछी थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा इसलिए यह मुद्दे उठा रही है.
रवीश पाल सिंह