रांची के सिविल कोर्ट में सिंगापुर बेस्ड मैनहर्ट कंपनी ने जमशेदपुर ईस्ट से निर्दलीय विधायक सरयू राय पर 100 करोड़ की मानहानि का दावा ठोका है. कंपनी का आरोप है कि सरयू राय बार-बार संस्था के नाम को विवादो में खींच रहे हैं. जाहिर है इससे संस्था के छवि पर असर पड़ा है साथ ही मैनहर्ट को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है .
दरसल 2003 में रांची के सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कंसल्टेंट बहाल करना था .तत्कालीन नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह के नेतृत्व में 2 कंसल्टेंट चुने भी गए थे .हालांकि 2005 में सरकार बदल गई .इसके बाद सरयू राय का आरोप है कि तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास ने चुने गए कंसल्टेंट के बजाय मैनहर्ट को 21 करोड़ में ठेका दिया.
सरयू राय ने विधानसभा में भी उठाया था मुद्दा
सरयू राय ने आजतक से बातचीत करते हुए बताया कि कंसल्टेंट बहाल करने में मापदंड का उल्लंघन हुआ था और वित्तीय गड़बड़ी हुई थी. इसको लेकर विधानसभा समिति भी बनी थी.मामले को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया था. हेमंत सरकार बनने के बाद उन्होंने इस मामले में शिकायत भी की थी. लिहाजा एसीबी में एक PE दर्ज तो की गई लेकिन इस पर कोई रिपोर्ट या एक्शन नहीं हुआ.
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एसीबी द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के खिलाफ राय ने झारखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. हालांकि जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने इसे उचित फोरम पर उठाने का निर्देश देकर याचिका खारिज कर दी.यह भी कहा कि अगर वित्तीय गड़बड़ी हुई है तो थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाएं.
इसके बाद राय ने आजतक को बताया कि उन्होंने रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. सरयू राय का कहना है कि अब उन्हें मौका मिलेगा कि वह हर मंच पर संस्था की गड़बड़ियों को उजागर कर सकेंगे.
सत्यजीत कुमार