झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ईडी की टीम दोपहर 1.15 बजे सीएम आवास पहुंची थी. तभी से उनसे पूछताछ की जा रही है. इसी बीच रांची में सीएम आवास के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. प्रमुख सचिव और डीजीपी भी सीएम आवास पहुंच गए हैं. अब सवाल ये है कि अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो झारखंड में सीएम पद की कमान कौन संभालेगा.
रांची के सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि हेमंत सोरेन की कुर्सी पत्नी कल्पना सोरेन संभाल सकती हैं. वहीं, चंपई सोरेन का नाम भी झारखंड में मुख्यमंत्री पद के लिए आगे चल रहा है. ईडी की पूछताछ से पहले विधायकों की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने दो सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए थे. एक में अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के लिए और दूसरे में अपनी कैबिनेट के मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर दस्तखत करवाए थे.इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक आज रात 9 से साढ़े बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
कौन हैं कल्पना सोरेन?
कल्पना सोरेन राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखती हैं और एक स्कूल का संचालन करती हैं, लेकिन संपत्ति में मामले में देखें तो वे करोड़पति हैं. हेमंत सोरेन द्वारा चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे पर गौर करें, तो उनकी पत्नी के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी है.
ओडिशा के मयूरभंज के एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखने वालीं कल्पना सोरेन के बैंक अकाउंट और अन्य इन्वेस्टमेंट के अलावा अगर ज्वैलरी की बात करें, तो उनके पास 24,85,000 रुपये कीमत की 655 ग्राम गोल्ड ज्वैलरी है, तो वहीं करीब 9 लाख रुपये से ज्यादा की 20 किलो चांदी है. अगर अचल संपत्ति के बारे में बात करें, तो उनके नाम पर तीन कॉमर्शियल बिल्डिंग्स हैं, जिनकी कुल कीमत एफिडेबिट में 4,87,00,000 रुपये बताई गई है. दूसरे शब्दों में कहें तो झारखंड के करोड़पति सीएम की पत्नी भी करोड़पति हैं.
कौन हैं चंपई सोरेन?
सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव निवासी आदिवासी सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे. उनके चार बच्चों में बड़े बेटे का नाम चंपई सोरेन है. चंपई भी अपने पिता के साथ हाथ बंटाते थे. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया. वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं.
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