झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ी, वेंटिलेटर पर रखा गया, हालत गंभीर

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की हालत गंभीर है. उन्हें दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. उनकी तबीयत पिछले महीने से ठीक नहीं है. किडनी से जुड़ी समस्या के कारण अस्पताल में बीते महीने भर्ती हुए थे.

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शिबू सोरेन की तबीयत नाजुक (File Photo: PTI) शिबू सोरेन की तबीयत नाजुक (File Photo: PTI)

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 02 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST

Ex-Jharkhand CM Shibu Soren Health Update: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अध्यक्ष शिबू सोरेन की हालत गंभीर है. उन्हें राजधानी दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. ये जानकारी आज (शनिवार) को सूत्रों के हवाले से मिली है. 

शिबू सोरेन का बीते महीने से तबियत ख़राब चल रहा है. वह जुलाई के आखिरी सप्ताह में किडनी से जुड़ी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे और अब तबियत नाज़ुक होने की वजह से वेंटिलेटर पर रखा गया. 

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उनका लंबे समय से नियमित तौर पर अस्पताल में इलाज चलता आ रहा है. हाल में ही जब वह अस्पताल में भर्ती हुए तो उनके बेटे यानि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, 'पिता जी को हाल ही में यहां भर्ती कराया गया है, इसलिए हम उन्हें देखने आए. उनकी सेहत को लेकर जांच चल रही है.'

जेएमएम के संस्थापक के अलावा पार्टी के दो और नेता बीमार हैं. हेमंत सोरेन कैबिनेट में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन भी बेहद क्रिटिकल है. सुबह जब वो वॉशरूम गए तब पैर पिछलने के वजह से उन्हें ब्रेन पे सीधे चोट लगी और खून का थक्का हो गया. आनन फानन में पहले उन्हें टाटा के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उसके बाद एयरफ्लिफ्ट करके सीधे दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया है.

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भवनाथपुर (गढ़वा) से जेएमएम विधायक अनंतप्रताप देव भी बीमार हैं. वो रांची के मेडिका में 31जुलाई से भर्ती हैं. उन्हें सर में दर्द की शिकायत थी. बाद में उनका शुगर लेवल और हाई ब्लड प्रेशर पाया गया था.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिबू पिछले 38 सालों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख नेता रहे हैं. साथ ही उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में पहचाने जाते हैं.

यह भी पढ़ें: लालू से क्यों नाराज हैं हेमंत सोरेन? बिहार में 12-13 सीटों पर अड़े, संथाल-कोल्हान में कांग्रेस की सक्रियता से भी नाराज 

पूर्व मुख्यमंत्री का जन्म 11 जनवरी, 1944 को बिहार - अब झारखंड के हजारीबाग में हुआ था. उन्हें दिशोम गुरु और गुरुजी के नाम से भी जनता के बीच जाना जाता है. उन्होंने आदिवासियों के शोषण के ख़िलाफ़ शुरुआत में संघर्ष की. 70 के दशक में ‘धनकटनी आंदोलन’ और अन्य आंदोलनों के ज़रिए  आदिवासी समाज की आवाज़ बुलंद की. 

1977 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था. लेकिन हार मिल गई थी. हालांकि, 1980 से लगातार कई बार सांसद चुने गए हैं. 

बिहार से अलग राज्य 'झारखंड' बनाने के आंदोलन में भी उनका निर्णायक भूमिका रहा है. वे तीन बार (2005, 2008, 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.

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इस बीच, झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक के बाद एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया जा रहा है.

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