बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह मुश्किलों में घिर गई हैं. संवैधानिक पद पर रहते हुए उनके नाम पर दो-दो पैन कार्ड और तीन वोटर कार्ड रहने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बीजेपी का आरोप कि ये फर्जीवाड़ा हो सकता है. लिहाजा पार्टी ने तमाम एजेंसियों से गहराई से जांच की मांग की है.
दरअसल बोकारो की कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह के नाम पर दो स्थायी पैन कार्ड और तीन अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) सामने आए हैं. दस्तावेजों में पिता और पति के नाम को लेकर भारी गड़बड़ी देखी गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
दो पैन कार्ड
सूत्रों के मुताबिक, एक पैन कार्ड C******92A गुरुग्राम से जारी हुआ है, जिसमें पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह दर्ज है. वहीं दूसरा पैन कार्ड C******18E रामगढ़ से वर्ष 2010 में जारी हुआ था, जिसमें पिता के स्थान पर संग्राम सिंह का नाम दर्ज है. यही नाम विधायक ने अपने चुनावी हलफनामे में पति के रूप में दर्ज किया है.
पैन कार्ड के नियमों के अनुसार, इसमें केवल पिता का नाम ही होना चाहिए, पति का नहीं. खास बात यह है कि दोनों पैन कार्ड्स में जन्म तिथि समान रूप से 19 जून 1984 लिखी हुई है, लेकिन नाम में भी अंतर पाया गया है. एक कार्ड में नाम SHWETA SINGH, जबकि दूसरे में SHWETTA A लिखा गया है.
तीन वोटर आईडी कार्ड
इतना ही नहीं, श्वेता सिंह के नाम से तीन वोटर आईडी भी सामने आए हैं. पहला वोटर कार्ड बोकारो विधानसभा क्षेत्र का है, जिसमें पति के नाम के स्थान पर संग्राम सिंह दर्ज है और उम्र 30 वर्ष बताई गई है. दूसरा वोटर कार्ड बिहार के जमुई जिले के झाझा विधानसभा क्षेत्र से जारी हुआ है, जिसमें पिता के नाम की जगह दिनेश कुमार सिंह लिखा है और उम्र 43 वर्ष दर्ज है. तीसरे वोटर कार्ड में पति के नाम के आगे डॉ. संग्राम सिंह लिखा गया है.
बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती हैं श्वेता सिंह
इन सब दस्तावेजों को लेकर यह संदेह गहरा गया है कि क्या ये सभी दस्तावेज एक ही श्वेता सिंह के हैं या किसी अन्य के नाम पर बने हैं. इस पूरे मामले में विधायक की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, श्वेता सिंह इस समय बीमार हैं और बेंगलुरु के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
'जल्द सुधार ली जाएगी गलती'
उनके पति संग्राम सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि श्वेता सिंह के नाम पर केवल एक ही पैन कार्ड है. उसमें गलती से पति का नाम दर्ज हो गया था, जो जल्द ही सुधार लिया जाएगा. पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह है. अगर कोई दूसरा पैन कार्ड है, तो उसकी जांच की जाएगी. उसका उपयोग कभी नहीं हुआ है.
वोटर आईडी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता ये कैसे बन गए. पहले भी यह मामला सामने आया था. संभवतः कोई आधार कार्ड की जानकारी का दुरुपयोग कर रहा है. यह साजिश के तहत किया गया हो सकता है. इसे जल्द ही ठीक कराया जाएगा.
बीजेपी ने की जांच की मांग
इस मामले पर बीजेपी काफी मुखर है. बोकारो के पूर्व विधायक और वरिष्ठ बीजेपी नेता विर्णाची नारायण ने इस मामले की जांच की मांग चुनाव आयोग से की है. आजतक से फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि मामला बेहद संवेदनशील और गंभीर है. एक विधायक जो संवैधानिक पद है अगर उनके नाम दो पैन कार्ड हैं तो ये वाकई आश्चर्यजनक बात है. देश भर में एक ही PAN का प्रावधान है. साथ ही एक PAN में पिता का नाम होना तो सही है लेकिन एक में पति का नाम कैसे है ये जांच का विषय है.
सत्यजीत कुमार