चहचहाते पंछियों की आवाज और सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाला पहलगाम आज खामोश है. कश्मीर के इस सबसे खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर कल जो कुछ हुआ, उसने पूरे इलाके को दहशत में डुबो दिया है. बाइसरन में हुए आतंकी हमले के बाद वादियों की रौनक गायब हो चुकी है और सड़कों पर सिर्फ सन्नाटा पसरा है.
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जब सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया, तो बैसरन की वादियों में एक अलग ही मंजर देखने को मिला. हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. बच्चों की चप्पलें, अधखुले टिफिन बॉक्स, बिखरे हुए पर्स और खून के धब्बे… ये सब देखना बेहद भयावह था. कुछ पर्यटकों के बैग अब भी पेड़ों के नीचे पड़े हैं. जिन टट्टुओं पर कल तक लोग सवारी करते थे, वो भी खौफ से भागते नजर आए.
पहलगाम बाजार, जो हर शाम सैलानियों से गुलजार रहता था, अब वीरान है. होटल के रिसेप्शन खाली हैं, रेस्टोरेंट्स बंद हैं. कई दुकानदार तो दुकानें बंद कर घाटी से जा चुके हैं.
बैसरन तक पहुंचने वाला मुख्य रास्ता अब सेना और पुलिस की निगरानी में है. यहां हर 500 मीटर पर सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है. आमतौर पर इस रास्ते पर टट्टुओं की टापें, बच्चों की हंसी और सेल्फी लेते युवाओं की चहक सुनाई देती थी, लेकिन अब सिर्फ बूटों की आवाजें और हेलीकॉप्टर की गूंज है.
कई घायल पहलगाम के अस्पतालों में हैं, जिनका इलाज चल रहा है. इस हमले ने जम्मू-कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को करारा झटका दिया है. इस सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटक आने वाले थे.
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एक टूरिस्ट ने कहा कि हमने सोचा था कि अब कश्मीर बेहतर हो रहा है, लेकिन यह हमला फिर से सब कुछ पीछे ले गया. इस हमले ने जो डर और दहशत छोड़ी है, वो आसानी से मिटने वाला नहीं है. इन घाटियों ने पहले भी बहुत कुछ झेला है, लेकिन इस बार निशाना बने सैलानी, जिन्होंने सिर्फ शांति और खूबसूरती की तलाश में यहां कदम रखा था.
बता दें कि पहलगाम (J-K) में मंगलवार की दोपहर टूरिस्ट प्लेस पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए. इनमें से ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए लोग थे. यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला है. मृतकों में कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के पर्यटक शामिल हैं.
घायलों में गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लोग शामिल हैं. यह हमला दोपहर करीब 3 बजे बैसरन में हुआ, जो पहलगाम के रिसॉर्ट शहर से करीब छह किलोमीटर दूर है. यह घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है और देश-दुनिया के पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है.
अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादी मैदान में घुस आए, और उन्होंने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जम्मू-कश्मीर में विभिन्न संगठनों और दलों ने घाटी में आतंकवादी हमले के खिलाफ बंद का आह्वान किया. एक महिला ने कहा कि आतंकवादियों ने गोली मारने से पहले उनके नाम पूछे.
मनीष राजन, जो एक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत थे और वर्तमान में हैदराबाद में तैनात थे, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ छुट्टियां मना रहे थे, जब उनके परिवार के सदस्यों के सामने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. शिवमोगा के रहने वाले कर्नाटक के व्यवसायी मंजूनाथ राव भी हमले में मारे गए. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनंतनाग और श्रीनगर में 24X7 इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाए हैं.
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