जम्मूः अनुच्छेद 370 पर बोले मोहन भागवत- खात्मा मतलब व्यवस्था में बदलाव, अब सोच बदलने की जरूरत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि व्यवस्था परिस्थिति के अनुसार बदलनी चाहिए. हमें खुद को समझने की जरूरत है. एक सिस्टम को विकसित करने में बहुत समय लगता है और कुछ को खत्म करने में.

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जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (File-PTI) जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (File-PTI)

सुनील जी भट्ट

  • जम्मू,
  • 02 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 10:31 PM IST
  • 'सिर्फ व्यवस्था में बदलाव ही काफी नहीं, मानसिकता भी बदलें'
  • 'एक सिस्टम को बनाने में बहुत समय लगता है और कुछ को खत्म करने में'
  • जम्मू-कश्मीर के अपने चार दिवसीय दौरे पर हैं मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे पर कहा कि अनुच्छेद 370 जा चुकी है, लेकिन क्या यह दिमाग से निकल गया है? अब हमें मानसिकता बदलने की जरुरत है.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत एक बहुत ही विविध राष्ट्र है. यहां अलग-अलग विचारधारा के लोग रहते हैं. हम अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. हमें एकजुट रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में ऐसी कई जगहें हैं जहां अलग-अलग राज्यों के लोग रहते हैं. उन जगहों की महानगरीय संस्कृति (cosmopolitan culture) है. उस जगह की स्वदेशी संस्कृति को किसी ने नहीं छीना है

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अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के खात्मे (abrogation of Article 370) की बात करते हुए कहा कि धारा 370 जा चुकी है, लेकिन क्या यह लोगों के दिमाग से निकल गया है? हम कावेरी जल पर विवाद देखते हैं. क्यों? सिर्फ व्यवस्था में बदलाव ही काफी नहीं है. हमें मानसिकता बदलने की जरूरत है.

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व्यवस्था परिस्थिति के अनुसार बदलेः भागवत

भागवत ने कहा कि व्यवस्था परिस्थिति के अनुसार बदलनी चाहिए क्योंकि इसी व्यवस्था परिवर्तन के लिए डॉक्टर शायमा प्रसाद मुखर्जी जी ने बलिदान दिया था.

जम्मू में प्रशंसकों से मिलते संघ प्रमुख मोहन भागवत

उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक शक्ति के मामले में सबसे विकसित देशों में से एक था. इस पर पश्चिम के अनेक अर्थशास्त्रियों ने लिखा है. उदाहरण के लिए, यूनाइटेड किंगडम तब तक एकजुट रहेगा जब तक अंग्रेजी भाषा है. भारत एक राष्ट्र है लेकिन भाषा, नस्ल और व्यावसायिक हितों जैसे सीमित मापदंडों के कारण नहीं है.

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महामारी के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि नई बीमारियां सामने आई हैं. एक बहस चल रहा है कि ये बीमारियां अपने आप विकसित हुई हैं या किसी के द्वारा तैयार किया गया है.

उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को धारा 370 के निरस्तीकरण के रूप में पूरा होते देखने का आनंद देश में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. हमें खुद को समझने की जरूरत है. एक सिस्टम को विकसित करने में बहुत समय लगता है और कुछ को खत्म करने में.

मोहन भागवत ने कहा कि जनसंघ के दिनों से ही हमारा सपना था कि हम धारा 370 को खत्म होते देखें, लेकिन सिर्फ व्यवस्था में बदलाव ही काफी नहीं है. जम्मू-कश्मीर से 370 हटने का मतलब व्यवस्था में बदलाव आया है.

आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अपने चार दिवसीय दौरे पर हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन भागवत ने विशेष रूप से आरएसएस के विभिन्न पहलुओं पर प्रचारकों के साथ विस्तृत चर्चा की.

जल्द शुरू होगा लोगों का पुनर्वासः इंद्रेश कुमार

संघ से जुड़े इंद्रेश कुमार ने कहा कि मोहन भागवत ने आज बेहतरीन भाषण दिया है. उन्होंने राष्ट्र से एकता और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि गुपकार गठबंधन के नेताओं को ज्ञान मिले. धारा 370 वापस नहीं आने वाला. जम्मू-कश्मीर अब विकास की राह पर है.

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कश्मीरी पंडितों और जम्मू की स्थिति पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में समय बदल गया है. पिछले 7 सालों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. अलगाववाद और पथराव का दौर खत्म हो गया है. बहुत जल्द घाटी से विस्थापित हुए सभी लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. अब घाटी में अलगाववाद को कोई लेने वाला नहीं है. जम्मू और लद्दाख को अब भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा.

 

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