जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती पहलगाम पहुंचीं हैं. यहां पर पहुंचकर उन्होंने लोकल लोगों से मुलाकात की और आतंकी हमले के बाद पैदा हुआ हालात का जायजा लिया. महबूबा मुफ्ती उसी जगह पर पहुंचीं हैं, जहां पर पिछले दिनों आतंकवादी हमला हुआ था. इस आतंकी हमले में 26 बेगुनाह पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
'कश्मीरी खून-खराबे के साथ नहीं...'
पहलगाम पहुंचकर महबूबा मुफ्ती ने कहा, "जो लोग यहां मजदूरी कर रहे थे, शॉल बेच रहे थे, चाय बेच रहे थे उन्हीं लोगों की पकड़ हो रही है. उनको सुबह थाने में बुलाया जाता है, दिन को भूखा रखा जाता है और शाम को वापस भेज देते हैं. यह क्या है?"
उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री से मेरी अपील है कि कश्मीरियों ने दिखा दिया कि वह खून-खराबे के साथ नहीं है, मुल्क के गम में शरीक हैं. पूरे कश्मीर में सैकड़ो की तादाद में लोग बंद किए गए हैं, यह ठीक नहीं है. पहलगाम में सारे टूरिस्ट स्पॉट बंद कर दिए हैं. हमारे पास इतनी फौजें हैं, टूरिस्ट स्पॉट पर फौजियों को लगाइए.
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'पूछताछ पर बुलाया जाता है, वापस लाश भेजते हैं...'
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "जम्मू कश्मीर के लोगों का मुल्क के लोगों का सदियों पुराना रिश्ता है. गुजर बकरवाल के लोगों को आर्मी जंगलों में नहीं जाने दे रही. गुजर बकरवाल पर आरोप लगा रहें है कि मिलिटेंट को खाना खिलते हैं, लेकिन सच ये है कि इनके पास खुद खाने को नहीं है. हम बहुत सवाल कर सकते हैं लेकिन अभी नहीं करना चाहती."
उन्होंने आगे कहा कि ये आप को उस हद तक कोऑपरेट कर रहें हैं कि ये थाने पर बुलाया जा रहा है, तो जा रहा हैं. बांदीपोरा और कुलगाम में इम्तियाज नागरे जैसे लोगों को बुलाया जा रहा पूछताछ के लिए लेकिन वापस उनकी लाश भेजते हैं. क्या हर कश्मीरी को मिलिटेंट की नजर से देखोगे?
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि गृह मंत्री से गुजारिश है कि कश्मीरियों ने दहशतगर्दी के खिलाफ आवाज उठाई है, ये एक कदम बढ़ते हैं आप दो कदम बढ़ाए. लाशें भेजना बंद कर दीजिए. किसी को भी OGW का नाम देकर मारोगे क्या? आज HM के लिए मौका है, आज कश्मीरी इकट्ठा हैं, आपके ज़ख्मों पर मरहम लगाना चाहते हैं, इनको वापस ज़ख्म मत दीजिए.
अरविंद ओझा