जम्मू-कश्मीर के बुजुर्ग अलगाववादी नेता और 3 बार विधायक रहे सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) का निधन हो गया है. उन्होंने बुधवार रात को अंतिम सांस ली. गिलानी का श्रीनगर के हैदरपोरा स्थित आवास पर निधन हो गया.
केंद्र शासित प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गिलानी के निधन पर दुख जताया. उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं. हम ज्यादातर बातों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं. अल्लाहताला उन्हें जन्नत और उनके परिवार तथा शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रदान करें.
कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को हुआ था. वह भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं, जिनका आज उनके हैदरपोरा निवास पर निधन हो गया. वह पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य था, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की.
इसे भी क्लिक करें --- अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी समर्थक दलों के समूह, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. वह 1972, 1977 और 1987 में जम्मू-कश्मीर के सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी थे. हालांकि उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत छोड़ दी.
पिछले कई वर्षों में खराब स्वास्थ्य के कारण वह कम सक्रिय थे. हालांकि कई बार उनके निधन की अफवाहें भी उड़ी थीं.
गिलानी का परिवार चाहता है कि उन्हें हैदरपोरा में दफनाया जाए. हालांकि अभी यह तय नहीं हो सका है कि उन्हें कहां पर दफनाया जाएगा. उनका बुधवार रात 10:35 बजे निधन हो गया.
अशरफ वानी / कमलजीत संधू