जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट के जरिए आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जैसी कई एजेंसियां 'बदला लेने के लिए' केंद्र सरकार की हथियार की तरह बन गई हैं. साथ ही कहा कि ईडी ने पूछताछ के लिए उनकी मां को 14 जुलाई को तलब किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनकी मां को "अज्ञात आरोपों" पर प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के एक मामले में पूछताछ के लिए महबूबा की मां को 14 जुलाई को तलब किया है. अधिकारियों ने बताया कि गुलशन नजीर को श्रीनगर में केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है.
मां को ईडी की ओर से मिले समन की टाइमिंग पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाए और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया.
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जांच एजेंसी के समन पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि जिस दिन पीडीपी ने परिसीमन आयोग से नहीं मिलने का फैसला किया, ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन भेज दिया. राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने के अपने प्रयासों में, भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों को भी नहीं बख्श रही. एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियां अब बदला लेने का औजार बन गई हैं.
परिसीमन आयोग की बैठक से PDP दूर
इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग के आने से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आयोग की प्रमुख जस्टिस (रि.) रंजना प्रकाश देसाई को एक चिट्ठी लिखी. यह चिट्ठी पार्टी की ओर से महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा ने लिखी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूर्व नियोजित' परिसीमन प्रक्रिया से दूर रहेगी.
महबूबा की अगुवाई वाली पीडीपी ने परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहने का फैसला यह कहते हुए किया कि आयोग के पास ‘संवैधानिक तथा कानूनी जनादेश’ का अभाव है.
हालांकि पीडीपी की इस चिट्ठी पर बीजेपी नेता रवींद्र रैना ने जोरदार हमला करते कहा कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक नेताओं को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित करके पूरी ईमानदारी दिखाई, लेकिन महबूबा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को धोखा दे दिया. महबूबा अलगाववादी समर्थक और पाकिस्तान समर्थक हैं.
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