गृहमंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) के जम्मू-कश्मीर दौरे का आज तीसरा दिन है. अमित शाह सोमवार को पुलवामा जिले के लेथपोरा में पहुंचे. शाह यहां सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) का दौरा करके शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. फिर CRPF कैंप में डिनर करेंगे और रात को वहीं ठहरेंगे. मंगलवार को उनकी दिल्ली वापसी होगी.
अमित शाह ने लेथपोरा में सैनिक सम्मेलन में कहा, 'मैं यहां के मुश्किल हालातों को महसूस करना चाहता हूं. इसलिए पूरी रात यहां रुकना चाहता हूं. मैं देखना चाहता हूं कि बॉर्डर के लास्ट प्लाइंट पर रहकर हमारे जवान कैसा महसूस करते हैं. चाहे वे एसएसबी, बीएसएफ या सीआरपीएफ के हों.'
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के लिए गुजरात के हरामी नाला को काबू करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है. मैंने यहां जवानों को माइनस 33 से लेकर अत्यधिक गर्मी तक देश की सुरक्षा के लिए खड़े देखा है. यही कारण है कि लोग देश में चैन से सोत पाते हैं. क्योंकि हमारी सुरक्षा के लिए हमारे देश के जवान हर वक्त खड़े रहते हैं.
शाह ने आगे कहा, 'हम सभी बलों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे. पर आज मैं यहां लक्ष्य निर्धारित करने के लिए नहीं हूं. लेकिन देश को बुरी नीयत से देखने वालों के खिलाफ आपको लड़ना होगा. ऐसी आशंका थी कि धारा 370 हटने के बाद यहां खून खराबा जाएगा. लेकिन एक भी गोली नहीं चली.'
अमित शाह ने कहा, 'आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस है. देश के लिए शहीद हुए 2200 सीआरपीएफ जवानों को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा. साथ ही हम आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड भी देंगे, जो कि एक जवान के लिए होगा और दूसरा उसके परिवार के लिए. इससे मुफ्त में सभी मेडिकल सुविधाएं प्राप्त की जा सकेंगी.'
उन्होंने कहा, 'देश विकास की राह पर है. और हमारी स्थिति मजबूत होगी. विकास की नजर से देखा जाए तो हम 11वें स्थान पर थे. लेकिन अब हम 5-6 स्थान पर हैं. 2024 तक हम दुनिया में तीसरे नंबर पर होंगे.'
इससे पहले सोमवार को अमित शाह ने श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में बीजेपी सरकार की ओर से दी जा रही विकास परियोजनाओं का के बारे में बात की.
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मंच से बुलेट प्रूफ ग्लास शील्ड हटाई और कहा, "मुझे बहुत ताने सुनाए गए. बहुत बोला गया. बहुत कड़े शब्दों में बोला गया. लेकिन मैं आज आप लोगों के साथ खुलकर बात करना चाहता हूं. इसलिए मैं बिना बुलेट प्रूफ ग्लास के आप लोगों से बात कर रहा हूं. फारूक साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने का सुझाव दिया है, लेकिन मैं घाटी के युवाओं और लोगों से बात करूंगा."
इससे पहले रविवार को अमित शाह जम्मू के मकवाल बॉर्डर पर पहुंचे थे. शाह ने वहां बीएसएफ BSF के जवानों से मुलाकात की. साथ ही वह बॉर्डर पर चौकसी के लिए बनाए गए बंकर में भी गए. बॉर्डर पर जवानों की तैनाती और उससे जुड़ी चुनौतियों को समझा तथा जवानों और अफसरों से खुलकर बात की. उनके साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे.
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