तलवार के डर से नहीं, प्रभावित होकर धर्मांतरण कर रहे हैं लोग, क्रिससम समारोह में बोले गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद ने धर्मांतरण के मामले पर कहा कि अगर कोई धर्म परिवर्तित कर रहा है तो वह तलवार का प्रयोग नहीं कर रहा ,जो कि वैसे भी आजकल इस्तेमाल में नहीं है. बल्कि ये तो अच्छा काम और व्यक्तियों का चरित्र है जो दूसरे लोगों को प्रभावित कर रहा है. 

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

aajtak.in

  • उधमपुर,
  • 26 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST
  • 'प्रेम से सब कुछ हासिल हो सकता है नफरत से नहीं'
  • जब कोई आदर्श बनता है तो लोग परिवर्तित होते हैं'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में क्रिसमस के मौके पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग अगर धर्मांतरण कर रहे हैं तो वह तलवार के डर से नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से किसी से प्रभावित होने के बाद ही धर्मांतरण करते हैं. इस दौरान आजाद ने देश को नुकसान पहुंचाने की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ भी लोगों को आगाह किया.

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एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गुलाम नबी आजाद ने धर्मांतरण के मामले पर कहा कि अगर कोई धर्म परिवर्तित कर रहा है तो वह तलवार का प्रयोग नहीं कर रहा ,जो कि वैसे भी आजकल इस्तेमाल में नहीं है. बल्कि ये तो अच्छा काम और व्यक्तियों का चरित्र है जो दूसरे लोगों को प्रभावित कर रहा है. 

आजाद ने कहा कि जब आप आदर्श बन जाते हैं, तभी लोग प्रभावित होने के बाद परिवर्तन करते हैं. लोग प्रभावित होने के बाद परिवर्तित होते हैं क्योंकि वे देखते हैं कि यह विशेष धर्म मानवता की सेवा कर रहा है, सभी को साथ लेकर चल रहा है और भेदभाव नहीं कर रहा. आजाद ने कहा कि प्यार से कुछ भी हासिल किया जा सकता है न कि नफरत या डर से.

'कुछ नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं'

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एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार क्रिसमस समारोह में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऊपरवाले ने इंसानों को जितना चाहिए उससे अधिक दिया है. फिर यह लड़ाई किसलिए है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे की वजह राजनीति है. कुछ नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं, लोगों को विभाजित करते हैं और धर्म के आधार पर नफरत फैलाते हैं. क्षेत्र, जाति, पंथ, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं हैं.

'लोगों को बांटने से देश को नुकसान होगा'

गुलाम नबी आजाद ने किसी का नाम लिए बिना पूछा कि हम लोग सरपंच, जिला और ब्लॉक विकास परिषदों, सांसद या विधायक के चुनाव को जीतने के लिए कब तक समाज को विभाजित करेंगे. आप अपने अच्छे काम, मानव सेवा से कुछ भी हासिल कर सकते हैं, लेकिन लोगों को बांटने और नफरत फैलाने से देश, धर्म और समाज को ही नुकसान होगा.

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