हिमाचल के स्कूल में फिर शर्मनाक कांड, 6 छात्राओं ने टीचर पर लगाए यौन शोषण के आरोप

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक बार फिर सरकारी स्कूल में यौन शोषण का गंभीर मामला सामने आया है. कक्षा 6 से 9 तक की छह नाबालिग छात्राओं ने अपने हिंदी शिक्षक पर अश्लील हरकतों और बैड टच का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. यह जिले में एक हफ्ते के भीतर दूसरा ऐसा मामला है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • सिरमौर,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:59 PM IST

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक और शर्मनाक मामला सामने आया है. एक सरकारी स्कूल की छह छात्राओं ने अपने हिंदी शिक्षक पर यौन उत्पीड़न और गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है. पीड़ित छात्राएं कक्षा 6 से 9 में पढ़ती हैं और उन्होंने बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सिरमौर के एसपी निश्चिंत सिंह नेगी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस की एक टीम स्कूल पहुंची और छात्राओं के बयान दर्ज किए. इसके बाद संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पॉक्सो एक्ट (POCSO) की धाराएं शामिल हैं.

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एसपी नेगी के अनुसार, आरोपी शिक्षक पुलिस के आने से पहले ही स्कूल से फरार हो गया था. उसकी तलाश के लिए अलग-अलग स्थानों पर पुलिस टीमें रवाना की गई हैं. उन्होंने इस घटना को "बहुत गंभीर मामला" करार देते हुए कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यह सिरमौर जिले में एक सप्ताह के भीतर स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ का दूसरा मामला है. इससे पहले शुक्रवार को जिले के एक अन्य स्कूल में कक्षा 7 से 10 तक के 24 छात्रों ने अपने गणित शिक्षक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उस मामले में आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था.

अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति की जिला अध्यक्ष संतोष कपूर ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सिरमौर में हाल के महीनों में सामने आया चौथा मामला है. उन्होंने बताया कि पहले भी राजगढ़ और पांवटा साहिब में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

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संतोष कपूर ने सभी स्कूलों में आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee) को सक्रिय करने और उच्च अधिकारियों की निगरानी में रखने की मांग की ताकि बच्चों को इस तरह के घिनौने अपराधों से बचाया जा सके.

 

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