हिमाचल पुलिस में घमासान! शिमला SP ने चीफ सेक्रेटरी और DGP पर लगाए गंभीर आरोप

शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. अतुल वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. एसपी गांधी का कहना है कि उन्होंने एक संवेदनशील मामले की निष्पक्ष जांच की, लेकिन डीजीपी द्वारा इस संबंध में जो हलफनामा दायर किया गया, वह गैर-जिम्मेदाराना था और अदालत को गुमराह करने की कोशिश थी.

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शिमला एसपी संजीव गांधी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं (फाइल फोटो) शिमला एसपी संजीव गांधी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं (फाइल फोटो)

अमन भारद्वाज

  • शिमला,
  • 25 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:23 AM IST

हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. अतुल वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. एसपी गांधी का कहना है कि उन्होंने एक संवेदनशील मामले की निष्पक्ष जांच की, लेकिन डीजीपी द्वारा इस संबंध में जो हलफनामा दायर किया गया, वह गैर-जिम्मेदाराना था और अदालत को गुमराह करने की कोशिश थी.

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गांधी ने आरोप लगाया कि डीजीपी के निजी स्टाफ के सदस्य सीआईडी जांच से जुड़े एक पत्र को लीक करने में शामिल थे. उनका आरोप है कि डीजीपी ने जांच को अपने पसंदीदा अधिकारियों को सौंपकर उसकी दिशा मोड़ने की कोशिश की और अदालत में भ्रामक हलफनामे जमा किए.

उन्होंने बिजनेसमैन निशांत शर्मा के पुराने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय संजय कुंडू डीजीपी थे और उन्होंने अदालत में एक निष्पक्ष हलफनामा दायर किया था. गांधी ने यह भी खुलासा किया कि वर्तमान डीजीपी ने अपने मातहत अधिकारियों पर झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव डाला.

राज्य सरकार और एजी को भी दी थी सूचना

एसपी गांधी ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार को एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से सूचित किया था कि कुछ अधिकारियों को झूठे सबूतों के सहारे फंसाने की साजिश रची जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की मदद लेने का आरोप भी शामिल है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) को भी इस संबंध में जानकारी दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. गांधी ने कहा कि वे कोर्ट में लेटर्स पेटेंट अपील (LPA) दायर करने पर विचार कर रहे हैं.

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मुख्य सचिव पर भी लगाए गंभीर आरोप

एसपी संजीव गांधी ने राज्य के मुख्य सचिव पर भी हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि रामकृष्ण आश्रम की भूमि विवाद की जांच के मामले में मुख्य सचिव ने उन्हें बुलाकर आश्रम प्रमुख से पूछताछ न करने और जांच आगे न बढ़ाने का दबाव बनाया. गांधी ने दावा किया कि उन पर लगातार दबाव डाला गया, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह के राजनीतिक या प्रशासनिक हस्तक्षेप के आगे झुकने से इनकार कर दिया.

भर्ती घोटाले और साजिश के आरोप

एसपी गांधी ने बताया कि 2021-22 में हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर उन्होंने आधिकारिक रूप से सवाल उठाए थे. इसके बाद से, वे कहते हैं, राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारी उन्हें टारगेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे 25 वर्षों से ईमानदारी के साथ पुलिस सेवा कर रहे हैं और अगर उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल उठाता है, तो वे इस्तीफा देना पसंद करेंगे लेकिन अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे.

कोर्ट रूम वीडियो से उपजा नया विवाद, बीजेपी विधायक पर आरोप

बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा द्वारा एक कोर्टरूम की कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जाने से विवाद और गहरा गया है. वीडियो में एसपी गांधी के डीजीपी के प्रति व्यवहार को लेकर अदालत में चर्चा हो रही है.

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इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक सुधीर शर्मा राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश के मुख्य सूत्रधार थे. उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि धूमिल करने की साजिश कर रहे हैं. गांधी ने बताया कि उन्होंने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें विधायक के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट और सूचना कानून के तहत कार्रवाई की मांग की गई है.

यह वीडियो उस सुनवाई से संबंधित है जिसमें हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग की गई थी.

बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा का पलटवार

दूसरी ओर, विधायक सुधीर शर्मा ने एसपी गांधी को लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने कहा कि वीडियो क्लिप असली है और इसे कोर्ट की अनुमति से लाइव स्ट्रीम किया गया था. विधायक ने एसपी गांधी पर झूठे आरोप लगाने और मीडिया में उन्हें मुख्य आरोपी के रूप में दिखाने का आरोप लगाया, जबकि उनके खिलाफ न तो एफआईआर दर्ज है और न ही उन्हें किसी जांच में बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव के मामले में 5 अप्रैल 2024 को दर्ज एफआईआर में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा समेत अन्य लोगों का नाम है, जिन पर चुनावी अपराध और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं.

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अब मामला सीबीआई के हवाले

पूरे विवाद का केंद्र बने विमल नेगी की मौत के मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नेगी की पत्नी की याचिका स्वीकार कर ली जिसमें राज्य पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए थे. न्यायमूर्ति अजय गोयल ने निर्देश दिया कि इस जांच में हिमाचल प्रदेश कैडर के किसी भी अधिकारी को शामिल न किया जाए.

गौरतलब है कि नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे और 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील में मिला था. नेगी की पत्नी ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रताड़ना के आरोप लगाए थे. मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

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