हिमाचल प्रदेश में आसमानी तबाही मची है. जगह-जगह सैलाब के कहर में लोग फंसे हैं. कहीं रस्सी के सहारे रेस्क्यू चल रहा तो कहीं बोट और कहीं हेलिकॉप्टर से राहत और बचाव का काम जारी है. मंडी-चंबा से मनाली तक, हिमाचल में अलग-अलग जगहों पर लोग मूसलाधार मुसीबत से परेशान हैं. जलप्रहार के बीच हाथ पकड़कर लोगों को बाहर निकालने की तस्वीर हिमाचल के कांगड़ा की है. जहां पॉंग डैम से छोड़े गए पानी में ये सभी फंस गए थे.
हिमाचल में लगातार बारिश से कई इलाके जलमग्न हैं. ऐसे में जगह-जगह रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें सामने आ रही हैं. एनडीआरएफ की 14वीं बटालियन ने 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. जिनमें दो पुरुष, सात महिलाएं और छह बच्चे शामिल हैं. इलाके में NDRF की टीम बाढ़ के प्रहार के बीच लोगों की मदद में जुटी है.
चंबा के भरमौर में चल रही मणिमहेश यात्रा लगातार बारिश से इस बार खतरनाक हो गई है.बारिश और लैंडस्लाइड से सड़कें तहस-नहस हैं. चंबा से भरमौर तक 62 किलोमीटर सड़क का नामोनिशान मिट चुका है. यहां पहाड़ों पर तबाही के निशान की ये तस्वीरें बता रही हैं कि हालात कितने भयावह हैं.
मणिमहेश यात्रा के दौरान बादल फटने के बाद सैलाब ने जो तबाही मचाई वो रूह कंपा देने वाली है. सैलाब का प्रवाह इतना तेज था कि आस-पास लगे टेंट धीरे-धीरे पानी में समाने लगे. बताया जा रहा है कि कई लोग मणिमहेश के गौरीकुंड, सुन्दरासी,हडसर और भरमौर में फंसे हैं. हालात ये हैं कि लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर पहाड़ लांघ कर चंबा तक पहुंच रहे हैं.
वहीं, लाहौल-स्पीति में बाढ़ और लैंडस्लाइड से हालात खराब हैं. सड़कें टूट चुकी हैं, कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है. ऐसे में सेना के चॉपर की मदद से इलाके के चार गंभीर मरीजों को केलांग से एयरलिफ्ट कर कुल्लू अस्पताल लाया गया.
मूसलाधार बारिश ने हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों को हिला दिया है. हालात पर काबू पाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.जेसीबी मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है. हालात को सामान्य करने की कोशिश जारी है. इस बीच मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, बारिश से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.
आजतक ब्यूरो