इंडिगो फ्लाइट हुई कैंसिल, बेटे की एग्जाम न छूटे, इसके लिए पिता ने रातभर 800 किलोमीटर तक दौड़ाई कार

इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने से जहां हजारों यात्री परेशान हुए, वहीं रोहतक का एक परिवार भी परेशानी में आ गया. बेटे की प्री-बोर्ड परीक्षा न छूटे, इसके लिए पिता ने रात भर ड्राइव करते हुए 800 किलोमीटर का सफर तय किया और सुबह तक इंदौर समय पर पहुंच गए.

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पिता ने बेटे की परीक्षा के लिए रातभर ड्राइव की कार. (Photo: ITG) पिता ने बेटे की परीक्षा के लिए रातभर ड्राइव की कार. (Photo: ITG)

सुरेंदर सिंह

  • रोहतक,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट कैंसिल होने का असर देशभर में हजारों यात्रियों पर पड़ा. हरियाणा में रोहतक जिले के मायना गांव के पंघाल परिवार को भी इस स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ा. फ्लाइट रद्द होने के बाद जो फैसला इस परिवार ने लिया, वह जिम्मेदारी, समर्पण और पिता-पुत्र के रिश्ते की मिसाल बन गया.

मायना गांव के युवा अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज आशीष चौधरी पंघाल इंदौर के प्रतिष्ठित डेली कॉलेज में 12वीं कक्षा के छात्र हैं. इन दिनों वे परीक्षा से पहले कुछ दिनों की छुट्टी पर घर आए हुए थे. डेली कॉलेज में 6 दिसंबर की शाम को एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें आशीष को सम्मानित किया जाना था. इसके अलावा उनकी प्री-बोर्ड परीक्षा 8 दिसंबर से शुरू होनी थी.

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दोनों ही कार्यक्रमों में समय पर पहुंचने के लिए दिल्ली से इंदौर की इंडिगो फ्लाइट पहले से बुक थी. 6 दिसंबर को आशीष के पिता खेल प्रेरक एवं अधिवक्ता राजनारायण पंघाल उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ने पहुंचे. परिवार पूरी तैयारी के साथ एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन यहां उन्हें निराशा हाथ लगी.

एयरपोर्ट पर पहुंचकर पता चला कि इंदौर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट अचानक कैंसिल कर दी गई है. यह खबर सुनते ही परिवार की चिंता बढ़ गई. फ्लाइट रद्द होने का मतलब था कि न केवल आशीष सम्मान समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, बल्कि 8 दिसंबर से शुरू होने वाली उनकी प्री-बोर्ड परीक्षा भी खतरे में पड़ सकती थी.

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स्थानीय स्टेशन पर जाकर ट्रेन में तत्काल सीट कंफर्म करवाने की कोशिश भी की गई, लेकिन इंदौर के लिए सीट मिलना मुश्किल था. इस स्थिति में पिता राजनारायण पंघाल ने बिना देर किए बड़ा फैसला लिया. उन्होंने तय किया कि चाहे फ्लाइट रद्द हो गई हो और ट्रेन में भी सीट न मिले, लेकिन वे बेटे को हर हाल में समय पर इंदौर पहुंचाएंगे.

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दिल्ली से इंदौर की दूरी लगभग 800 किलोमीटर है. इस सफर को तय करने में आमतौर पर 12 से 14 घंटे लगते हैं. लेकिन पिता के इरादे मजबूत थे. उन्होंने उसी शाम कार स्टार्ट की और रात भर लगातार ड्राइव करते रहे. मुश्किलों और थकान को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने लंबी दूरी की ड्राइव की, ताकि बेटे की परीक्षा न छूटे. अगली सुबह वे आशीष के साथ समय पर इंदौर पहुंच गए. राजनारायण पंघाल ने कहा कि फ्लाइट कैंसिल होने की खबर ने हमें हिला दिया था. परीक्षा बच्चे के भविष्य से जुड़ी चीज है. मैंने तय किया कि चाहे रात भर ड्राइव करनी पड़े, लेकिन बेटे को समय पर पहुंचाना है. आखिरकार हम समय पर इंदौर पहुंच गए, यही सबसे बड़ी खुशी है.

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