उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ेंगे गीता के श्लोक

उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा के स्कूलों में भी 'गीता श्लोक' का उच्चारण सुबह-सुबह प्रार्थना में अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में अब सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना में 'गीता श्लोक' का उच्चारण होगा.

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हरियाणा के स्कूल में अब बच्चे पढ़ेंगे गीता श्लोक. (Photo: Screengrab) हरियाणा के स्कूल में अब बच्चे पढ़ेंगे गीता श्लोक. (Photo: Screengrab)

अमन भारद्वाज

  • गुरुग्राम,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी 'गीता श्लोक' का उच्चारण सुबह-सुबह प्रार्थना में अनिवार्य कर दिया गया है. इसको लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने पत्र जारी कर दिया है. बोर्ड का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ी गीता के श्लोक के माध्यम से ज्ञान को समझें और उसे जीवन में उतारे. 

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इसको लेकर हरियाणा के एक स्कूल के प्रिंसिपल से आजतक ने बात की. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि युवा पीढ़ी संस्कारी बने और एक संस्कारी समाज का निर्माण करे. हमारे प्रधानमंत्री का भी सपना है कि भारत विश्व गुरु बने. पूर्व में हमारे देश में विदेशों से लोग अध्यात्म की पढ़ाई करने आते थे. 

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अध्यात्म का ज्ञान सर्वोपरि है. गीता श्लोक पढ़ने से बच्चे संस्कारी होंगे और अपने आप में आदर्श होंगे. गीता श्लोक में यह बताया है कि हमारे आचरण कैसे होने चाहिए? समाज में हमारा योगदान क्या है? 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में गीता के श्लोक अनिवार्य, धामी सरकार के फैसले पर क्यों विवाद?

गीता के चौथे श्लोक में बताया गया है कि एक विद्यार्थी को ज्ञान तभी मिलेगा, जब उसका चरित्र अपने गुरुजनों के प्रति अच्छा होगा. जीवन में हमारा जैसा भी आचरण हो, वह सबकुछ भगवद् गीता के अनुसार ही हो. आपको बता दें कि इससे पहले बीते दिनों उत्तराखंड के स्कूलों में भी गीता श्लोक को अनिवार्य कर दिया गया था. 

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