गुरुग्राम: Loan रिकवरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, नोएडा से 15 गिरफ्तार

गुरुग्राम साइबर क्राइम यूनिट ने नोएडा में फर्जी लोन रिकवरी रैकेट का पर्दाफाश कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी चाइनीज लोन ऐप्स के जरिए लोगों को धमकाकर अधिक पैसे वसूलते थे. इनके कब्जे से 5 लैपटॉप, 15 मोबाइल और 223 सिम कार्ड बरामद हुए हैं. यह गिरोह चीन-इंडोनेशिया से संचालित होता था.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

नीरज वशिष्ठ

  • गुरुग्राम,
  • 10 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

गुरुग्राम साइबर क्राइम यूनिट ने चीन और इंडोनेशिया में संचालित हो रहे फर्जी लोन रिकवरी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह विभिन्न चाइनीज लोन ऐप्स के माध्यम से लिए गए लोन की रिकवरी के नाम पर लोगों को धमकाकर और डराकर अधिक पैसे वसूल रहा था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 लैपटॉप, 15 मोबाइल फोन और 223 सिम कार्ड बरामद किए हैं.

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कैसे किया जा रहा था फर्जीवाड़ा?

साइबर क्राइम एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपियों को नोएडा (उत्तर प्रदेश ) के सेक्टर-2 में चलाए जा रहे कॉल सेंटर से पकड़ा गया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान हरमन, आंजनेय चौधरी, अरुण कुमार, सचिन, बिलाल खान, आसिफ, उज्ज्वल, सलमान अब्बास, सुरेश, हिमांशु, सन्नी श्रीवास्तव, मनमोहन, रिपुञ्जय, अनिल और महेंद्र के रूप में हुई है.

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गिरोह डायलबैक प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी के तहत काम कर रहा था, जो वैशाली सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर फर्जी लोन एप्लिकेशन के जरिए इंस्टेंट लोन प्रदान करती थी. ये लोन 5 हजार से 60 हजार रुपये तक की छोटी अवधि (7 से 21 दिन) के लिए दिया जाता था. लोन न चुका पाने वाले ग्राहकों को धमकी देकर और उनकी निजी जानकारी का दुरुपयोग कर पैसा वसूल किया जाता था.

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फर्जी लोन एप्स के जरिए जाल बिछाने का काम

गिरोह की फर्जी एप्स में Instanova, Credigen, Kredeaze, Finikash, Loanifi, Fastcash, Hopefund, IMBfund, Flying Cash, Periloan, Try Cash, Front Loan, Inland Rupee, LoVe Finance, Capitalrupee Amount Pro, Luckymoney, MedicreditScore, Stashfing Sarvatra-Kash आदि शामिल हैं. इन ऐप्स का संचालन चीन और इंडोनेशिया से किया जाता था. गिरोह के मास्टरमाइंड चीन और इंडोनेशिया से निर्देश देकर पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करते थे. रिकवरी की गई रकम वैशाली सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को भेजी जाती थी.

RBI द्वारा रद्द किया गया लाइसेंस

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ठगी में इस्तेमाल किए गए 5 लैपटॉप, 15 मोबाइल फोन और 223 सिम कार्ड जब्त किए हैं. इन उपकरणों का उपयोग कॉलिंग और ठगी की वारदातों में किया जा रहा था. डायलबैक प्राइवेट लिमिटेड जिस NBFC कंपनी (PSPR) के साथ मिलकर लोन और उसकी रिकवरी का काम कर रही थी. उसका लाइसेंस पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रद्द किया जा चुका है. इसके बावजूद गिरोह अवैध रूप से अपने काम को अंजाम दे रहा था.

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

गुरुग्राम साइबर क्राइम थाना में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि जांच जारी है और इस गिरोह के अन्य नेटवर्क और सहयोगियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. वहीं, लोगों को सलाह दी गई है कि वे फर्जी लोन एप्स से सावधान रहें और अपने निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

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